अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना के अधीन अकबरपुर रेंज में विचरण कर रहा बाघ 2305 सरिस्का की सीमा पार कर दौसा मंडल के बांदीकुई वन क्षेत्र में पहुंच गया है. बुधवार को बाघ के पगमार्क राजगढ़ वन क्षेत्र में मिलने पर वनकर्मियों ने राहत की सांस ली. गनीमत यह रही कि बाघ सरिस्का की सीमा से बाहर निकल वापस लौट रहा है. सरिस्का के दो बाघ भी इन दिनों बाहर निकले हुए हैं. इनमें एक हरियाणा की सीमा तक पहुंच चुका है और दूसरा जयपुर वन क्षेत्र में विचरण कर रहा है. वहीं बाघ एसटी-13 करीब ढाई साल से लापता है.
सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि नर बाघ 2305 के पगमार्क गत 2 अगस्त को अकबरपुर रेंज के अधीन पृथ्वीपुरा नाका में मिले थे. इसके बाद से बाघ के पगमार्क नहीं मिल पा रहे थे. बाघ की मॉनिटरिंग व पेट्रोलिंग के लिए वनकर्मियों की टीम तैनात की गई. काफी प्रयास के बाद वनकर्मियों को गत 17 अक्टूबर को बाघ 2305 के पगमार्क दौसा वन मंडल के बांदीकुई वन क्षेत्र में मिले. इसके बाद 19 अक्टूबर को मॉनिटरिंग टीम को बाघ के पगमार्क मिले. उन्होंने बताया कि बाघ 2305 के पगमार्क 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक राजगढ़ वन क्षेत्र में मिले हैं. यह वन क्षेत्र सरिस्का की सीमा के पास स्थित है. फिलहाल बाघ 2305 की मॉनिटरिंग में दौसा वन मंडल, राजगढ़ वन मंडल एवं सरिस्का के वनकर्मियों की टीम जुटी है.