अजमेर: अजमेर में बरसात से ज्यादा फॉयसागर और आनासागर झील का ओवरफ्लो पानी तबाही मचा रहा है. यह पानी गलियों में घुस गया है. यह मुसीबत आना सागर झील के दायरे को कम करने के कारण सामने आई है. स्मार्ट सिटी के नाम पर झील के चारों ओर पाथवे और सेवन वंडर बनाया गया है. इससे झील की सौंदर्यता तो बढ़ गई, लेकिन झील का दायरा घटना से पानी की भराव क्षमता कम हो गई है. दो दशक पहले तक आनासागर झील की भराव क्षमता 16 फिट थी, जो वर्तमान में 13 फिट है. आनासागर झील में डेढ़ फिट के लगभग ओवरफ्लो पानी है. इसे आनासागर के एस्केप चैनल के माध्यम से निकाला जा रहा है. यह पानी नालियों के जरिये पानी रिहायशी क्षेत्रों में घुस गया है. कई गलियां टापू बनी हुई है. जलभराव के कारण फॉयसागर रोड पर 1 दर्जन, वैशाली नगर में आधा दर्जन और दक्षिण क्षेत्र में भी आधा दर्जन कॉलोनियों में जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. वहीं, अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सिंचाई विभाग से जल भराव की समस्या को लेकर चर्चा की गई है. भविष्य में जल बहाव की समस्या ना हो इसके लिए सुदृढ कार्य योजना बनाई जाने को लेकर चर्चा अधिकारियों के साथ की गई है.
2 वर्ष पहले भी आनासागर झील का ओवरफ्लो हो गया था. तब भी पानी ने कॉलोनियों में तबाही मचाई थी, लेकिन प्रशासन ने उस घटना से भी कोई सबक नहीं लिया. फॉयसागर झील का ओवरफ्लो पानी बांडी नदी के माध्यम से होता हुआ आनासागर झील में आता है. इसी तरह चौरसियावास तालाब का ओवरफ्लो पानी आना सागर झील में आता है. बांडी नदी के आसपास कई कालोनियां अवैध तरीके से बस गई हैं. लिहाजा, अब इन कॉलोनियों में ओवरफ्लो पानी घुस रहा है.
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झीलों में हुआ अतिक्रमण: आना सागर झील क्षेत्र में दर्जनों कालोनियां बस गई. विगत 50 वर्षों में झीलों का दायरा घटकर 60 प्रतिशत रह गया है. झील क्षेत्र में काश्तकारों ने अपने खेत बेच दिए और भू माफियाओं ने यहां कई कॉलोनियां काट दी. स्वयं सरकारी संस्था हाउसिंग बोर्ड ने सबसे पहले झील क्षेत्र में कॉलोनी बसाई. इसके बाद तो यहां दर्जनों कालोनियां में हजारों मकान बन गए.इसके चलते झील में जल भराव की क्षमता कम हो गई. इस कारण ओवरफ्लो पानी डूब क्षेत्र में बसी कॉलोनी में घुसकर तबाही मचा रहा है.