दुर्ग :दुर्ग जिले में संचालित कोचिंग सेंटर्स में छात्र-छात्राओं के आने और जाने के लिए एक ही रास्ता बनाया गया है. आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए कोचिंग संस्थानों में वैकल्पिक रास्ता नहीं है।. कोचिंग सेंटर्स में फायर सेफ्टी की व्यवस्था भी नहीं है. एकमात्र कोचिंग सेंटर में यह व्यवस्था मिली.लेकिन जब अफसरों ने उपकरणों को जांचा तो पाया कि ये किसी भी काम के नहीं है. प्रशासनिक जांच में कोचिंग सेंटरों में व्यवस्था संबंधी कुछ और भी खामियां मिली है. जिनमें सुधार करने कहा गया है. राहत की बात ये है कि यहां कोई भी कोचिंग सेंटर बेसमेंट में संचालित नहीं हो रहा हैं.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के राजेंद्र नगर में सिविल सेवा परीक्षा और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के साथ घटना हुई थी.जिसमें तीन छात्रों की बेसमेंट में डूबने से मौत हो गई. इस घटना को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने दुर्ग जिले में कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा के हालात का जायजा लेने के लिए निर्देश दिया था.
कलेक्टर के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच टीम ने सिविक सेंटर, नेहरु नगर, जुनवानी जैसे पॉश इलाके में चल रहे कोचिंग संस्थानों में जाकर वहां के हालात का जायजा लिया.जांच टीम ने ये देखा कि कोचिंग संस्थान किस जगह पर चल रहा है.भारी बारिश में जब जल जमाव के हालात बनेंगे तब निकासी के क्या रास्ते हैं.