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डेंगू से कोटा में सीजन की पहली मौत, नर्सिंग स्टूडेंट की गई जान... हालात ऐसे अस्पतालों में लगानी पड़ी मच्छरदानी - CASES OF DENGUE IN KOTA

कोटा में डेंगू के अब तक 178 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 26 सितंबर को हुई नर्सिंग छात्र की मौत डेंगू से ही होना सामने आ रहा है. यहां डेंगू को लेकर हालात भयावह हो गए हैं. मरीजों को अस्पताल में मच्छरदानी लगानी पड़ रही है.

डेंगू से कोटा में सीजन की पहली मौत
डेंगू से कोटा में सीजन की पहली मौत (फोटो ईटीवी भारत कोटा)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 28, 2024, 9:25 AM IST

कोटा. मौसमी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है. डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस कोटा में लगातार पर पैर पसार रहा है. डेंगू के अब तक 178 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 26 सितंबर को हुई नर्सिंग छात्र की मौत डेंगू से ही होना सामने आ रहा है. वह 23 तारीख को डेंगू पॉजीटिव आई थी. इसके बाद तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने पहले इटावा और फिर कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में भर्ती करवाया था. जहां पर चंद घंटे भर्ती रहने के बाद ही उसकी मौत हो गई थी. दूसरी तरफ कोटा में भयावह हालत डेंगू को लेकर हो गए हैं. यहां तक कि अस्पतालों में भी मच्छरदानी लगानी पड़ रही है. संभाग के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु चिकित्सालय जेके लोन अस्पताल में मच्छरों का इतना खतरा हो गया है कि मच्छरदानी से मरीजों का बचाव करना पड़ रहा है. नवजात और शिशुओं को डेंगू से बचने के लिए कई बेड पर मच्छर दानी लगाई गई है. एक मच्छर जाली वाले बेड में तीन से चार नवजातों को रखा गया है.

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा का कहना है कि 26 सितंबर को शाम 4:00 बजे के आसपास इमरजेंसी में एक बालिका को इटावा से रेफर कर परिजन लेकर आए थे. उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी हुई थी. डेंगू के सिम्टम्स के अनुसार ही उसके परिजनों ने बताए थे और डॉक्टर की पुरानी प्रिस्क्रिप्शन में भी यही था. इसीलिए डेंगू मानकर ही उसका इलाज किया गया था.

अस्पतालों में लगानी पड़ी मच्छरदानी (फोटो ईटीवी भारत कोटा)

पढ़ें: प्रदेश में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल: जयपुर के सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे डेडिकेटेड ओपीडी शुरू - 24 Hours OPD for Seasonal Diseases

परिजनों का कहना है कि 19 वर्षीय छात्र कोटा के एमबीएस अस्पताल परिसर स्थित एएनएम ट्रेंनिंग सेंटर में अध्यनरत थी और वह मूल रूप जिले के इटावा इलाके के करवाड़ गांव निवासी थी. कोटा में लगातार बुखार आने पर 22 सितंबर को जांच करवाई थी जिसमें डेंगू की रिपोर्ट 23 सितंबर को पॉजिटिव आई थी. तबीयत ठीक होने पर वह 25 सितंबर को गांव चली गई. जहां पर उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. परिजनों ने पहले उसे इटावा में भर्ती रखा था, वहां भी तबीयत बिगड़ने पर 26 सितंबर को कोटा लेकर गए थे जहां पर उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था.

कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जगदीश सोनी का कहना है कि नाजिया की मौत के बारे में जांच पड़ताल करवा रहे हैं. अभी तक मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल से कोई सूचना मरीज का संबंध में नहीं आई है. हालांकि जिस मरीज की मौत हुई है, वह डेंगू पॉजिटिव थी. ऐसे में पूरे मामले के डेथ ऑडिट करवाई जाएगी.

कोटा में डेंगू के अब तक 178 मामले (फोटो ईटीवी भारत कोटा)

178 डेंगू व 160 स्क्रब टायफस के मामले अब तक :डॉ. सोनी का कहना है अब तक कोटा में 178 डेंगू के एलिजा पॉजिटिव केस हैं, जिनमें आठ बीते 24 घंटे में रिपोर्ट हुए हैं. इसी तरह से चार चिकनगुनिया के केस अब तक आए हैं. ज्यादातर कुन्हाड़ी और सकतपुर एरिया के हैं. यह इनमें दो केस बीते 24 घंटे में रिपोर्ट हुए हैं. वहीं स्क्रब टायफस के 160 मामले अब तक सामने आ चुके हैं, इनमें से बीते 24 घंटे में पांच मामले सामने आए.

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