मासिक प्रदोष व्रत, 800 साल बाद बन रहे चार शुभ संयोग - masik pradosh vrat - MASIK PRADOSH VRAT
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बेहद खास माना गया है. हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की की आराधना करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं. आइए ऐसे में जानें कि आज मासिक प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त कब रहेगा.
रायपुर : आज 20 मई, सोमवार को मासिक प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. इस व्रत के दिन 800 साल के बाद 4 - 4 सुखद संयोग बन रहा है. सोमवार के दिन प्रदोष व्रत का होना अपने आप में एक विशिष्ट घटना मानी जाती है. सोमवार का दिन भोलेनाथ को ही समर्पित है. यह शुभ दिन सूर्य उदय से पूर्व उठकर पूजा-पाठ स्नान ध्यान से निवृत होकर भगवान भोलेनाथ की आराधना-साधना चाहिए.
आज शिव जी का करें अभिषेक : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा के मुताबिक, "आज के शुभ दिन भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, आंक के फूल, नीले फूल, धतूरा, शमी पत्र, पंचामृत, चंदन, श्वेत चंदन, गोपीचंद रक्त चंदन, रोली, कुमकुम, अबीर, गुलाल, परिमल और दूध को अर्पित करते हैं."
"लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. इसके साथ ही पंचामृत और 7 नदियों के जल से भी भगवान भोलेनाथ जी का अभिषेक करवने से प्रदोष पर्व पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है." - पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिष एवं वास्तुविद
भोलेनाथ को इन चीजों का लगाएं भोग : भगवान भोलेनाथ जी को मिष्ठान में शर्करा, इलायची दाना, सफेद दूध, गंगा का जल और गन्ना रस अर्पित करना चाहिए. प्रदोष व्रत के शुभ दिन सफेद वस्त्र पहनना शुभ होता है. इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए. निर्धन, जरुरतमंद और गरीबों को दान करने पर विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है. सभी तरह के बुरे कर्मों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. इसका विशेष ध्यान रखें कि भगवान शिव को तुलसी का पत्र अर्पित नहीं किया जाता.
महादेव की इन मंत्रों से करें पूजा : प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टकम महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र, शिव नमस्कार मंत्र का पाठ करना चाहिए. आज के दिन योग के देवता शिवजी की आराधना करने विशेष महत्व माना गया है. आज के दिन योगाभ्यास, ध्यान आदि करना चाहिए. भगवान शंकर संगीत के देवता भी माने जाते हैं. प्रदोष व्रत कि दिन संगीत साधकों को विशेष अभ्यास करना चाहिए.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.