अलीगढ़ :अवैध धर्मांतरण के मामले में बुधवार को NIA-ATS कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम समेत अन्य को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. 12 लोगों को उम्रकैद जबकि 4 दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुके मौलाना उमर गौतम ने अलीगढ़ में भी अपना नेटवर्क फैलाया था. इसकी वजह से आज भी यहां के कई लोग खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं.
साल 2021 में एटीएस सहित अन्य खुफिया एजेंसियों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कार्यरत माली के घर दबिश दी थी. इसमें धर्मांतरण कराए जाने का इनपुट मिला था. वहीं, सूत्रों के मुताबिक आज भी खुफिया एजेंसियों की नजर अलीगढ़ पर है. मौलाना उमर गौतम मूल रूप से फतेहपुर का रहने वाला है. हिंदू से मुस्लिम बनने के बाद उसने कई लोगों का धर्मांतरण कराया था.
उमर गौतम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आता था, हालांकि यह सवाल आज भी राज है कि उमर गौतम को अलीगढ़ में कार्यक्रम के लिए कौन बुलाता था. इस दौरान हरियाणा के फरीदाबाद निवासी माली नवीन कुमार, गौतम के संपर्क में आया था. 2021 में मौलाना उमर गौतम का पहली बार अलीगढ़ से कनेक्शन सामने आया था.
एटीएस के अनुसार कानपुर में पकड़े गए आदित्य उर्फ अब्दुल्ला ने पूछताछ में बताया था कि वह एएमयू के माली के घर ठहरा था. मूक बधिर माली पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगा, साथ में उसने माली के साथ अपनी फोटो भी दिखाई. इसी फोटो के आधार पर खुफिया एजेंसी 2021 में माली के घर तक पहुंची थी. नवीन कुमार नाम का यह माली अपनी मूक बधिर पत्नी व परिवार के साथ विश्वविद्यालय के सर्वेंट क्वार्टर में रहता था.
हालांकि एटीएस की पूछताछ में उस समय मूक बधिर माली ने धर्मांतरण की बात को झूठा बताया था. उमर गौतम के धर्मांतरण कराने संबंधी दावे को गलत बताते हुए लिखा था कि मैंने अपना धर्म नहीं बदला है. यह सब बातें झूठी हैं. वह हिंदू है. सभी प्रमाण पत्र उसने खुफिया एजेंसी और एएमयू इंतजामिया को उपलब्ध कराया था. माली नवीन ने बताया था कि वह उमर गौतम को जानता है. अलीगढ़ में होने वाले कार्यक्रमों में उसका मिलना -जुलना एक सामान्य सी बात थी.
2017 में एएमयू में दिव्यांग और मूक बधिर कोटे से मालियों की भर्ती निकली थी. इसी दौरान नवीन की भी भर्ती हुई थी. पति-पत्नी दोनों ही मूक बधिर हैं. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के रहने वाले श्याम प्रताप सिंह उर्फ मौलाना उमर गौतम कृषि से इंटरमीडिएट करने के बाद वह मुस्लिम दोस्तों के संपर्क में आया था. परिजनों पर दबाव बनाकर अलीगढ़ पढ़ने के लिए आ गया था. यहां वह हनी ट्रैप के जरिए एक महिला के संपर्क में आया.
उसे प्रोफेसर बनने का ऑफर दिया गया. लालच में आकर उसने महिला से शादी कर मुस्लिम धर्म अपना लिया. धर्म परिवर्तन के बाद वह दूसरों का धर्मांतरण कराने की साजिश में शामिल हो गया. उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों, गैर मुस्लिम, मूक बधिर महिलाओं और बच्चों को नौकरी का प्रलोभन देकर धर्मांतरण करने का आरोप मौलाना उमर गौतम पर लगा है.
इन मामलों को लेकर एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली ने कहा कि एजेंसी द्वारा जांच की गई, लेकिन एएमयू से कोई इनपुट नहीं मांगा गया. एएमयू के माली नवीन के धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात पहले ही निराधार साबित हो चुकी है. उमर गौतम एएमयू का छात्र नहीं रहा, हालांकि यहां होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वह किसके संपर्क में था. इस संबंध में खुफिया एजेंसी द्वारा जांच की गई.
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