रोहतक: आईएमटी फेस 3 के लिए हुड्डा सरकार के दौरान 2012-13 में बलियाना, खेड़ी साध, खरावड़ और ननौन्द गांव की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी. भूमि अधिग्रहण पॉलिसी के तहत किसानों को रिहायशी सेक्टर बनाकर प्लॉट दिए जाने थे, लेकिन लगभग 10 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को वो प्लॉट नहीं मिले हैं. जबकि किसान इसके लिए पैसा भी जमा कर चुके है. अपने प्लाटों को लेकर किसान सरकार और जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकल रहा, जिसके चलते किसानों में काफी रोष है. अब उन्होंने धरना देकर आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है.
अपनी इसी मांग को लेकर ये किसान आज रोहतक के जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचे और ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग के बारे में अवगत कराया. किसानों का आरोप है कि एचएसआईडीसी सेक्टर में कॉर्नर के प्लाटों को अपने चहेतों को देना चाहता है, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसी वजह से ड्रॉ नहीं निकाला जा रहा.
"विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा कर रहा": ग्रामीणों का कहना है कि अपने प्लाटों को लेकर ऐसा कोई दरवाजा नहीं है जिस पर वे ना गए हो, लेकिन उन्हें प्लॉट नहीं दिए जा रहे. किसानों ने कहा कि जब जमीन अधिग्रहण हुई थी, तब उनसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे गए और मुआवजा भेज दिया गया. लेकिन अब विभाग दुनिया भर की अड़चन पैदा करने में लगा हुआ है.