नागौर. शहर के माही दरवाजा स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में एक साढ़े तीन साल की बच्ची की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों ने कहा कि बच्ची की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर कोई काम बताकर चला गया, उसके बाद लौटा ही नहीं. मामले की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन 5 घंटे के बवाल के बाद मामला शांत हुआ. फिलहाल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस डॉक्टर की तलाश कर रही है.
परिजनों का कहना है कि तीन दिन पहले बच्ची को अस्पताल में दिखाने आए थे. बच्ची को दस्त की बीमारी थी. हालांकि वो तब तक ठीक ही थी. डॉक्टर सहीराम चौधरी ने एडमिट भी कर दिया था. उस समय बच्ची सही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. इस पर डॉक्टर ने कहा - सब सही कर दूंगा, चिंता न करें. कल दोपहर अस्पताल से जाने लगे तो डॉक्टर ने अस्पताल की इज्जत का हवाला देकर हमें रोक लिया. कल शनिवार को 8 बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया.
मृतका बच्ची की चाची सोहनी नायक ने बताया कि डॉक्टर ने कहा था कि 'मर जाएगी तो दूसरी बच्ची मैं दे दूंगा', लेकिन जैसे ही बच्ची की तबियत बिगड़ी तो डॉक्टर किसी काम का हवाला देकर वहां से चला गया, इसके बाद लौटा ही नहीं. अस्पताल में 2 नर्सिंग स्टाफ इधर-उधर घूमते रहे और बच्ची तड़प-तड़प कर मर गई.