राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे प्रथम राष्ट्रपति को भरोसा था कि हमारा देश क्षमताओं को विकसित करते हुए प्रगति करेगा. मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकती हूं कि हमने यह लक्ष्य हासिल किया है.
अब संस्कृत और मैथिली में भी पढ़ सकेंगे संविधान, राष्ट्रपति के साथ पूरी सभा ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया
Published : 3 hours ago
|Updated : 28 minutes ago
भारत सरकार ने देश के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले ऐतिहासिक समारोह की शुरुआत की घोषणा की है. यह निर्णय हमारे लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है, जो संविधान दिवस 26 नवंबर, 2024 से शुरू होगा. यह समारोह " हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान " अभियान के तहत आयोजित किए जा रहा हैं और इसका उद्देश्य संविधान में निहित मूल मूल्यों को दोहराते हुए संविधान के निर्माताओं के योगदान का सम्मान करना है.
आज संसद के सेंट्रल हॉल में उद्घाटन कार्यक्रम हुआ. भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी है. इस संविधान ने भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की. यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाया गया था, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है. अपनी स्थापना के बाद से, संविधान पिछले 75 वर्षों से राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है.
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हमारा संविधान प्रेरणादायक: राष्ट्रपति
सभा को संबोधित कर रही हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सभा को संबोधित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है. उन्होंने विशेष तौर पर संविधान सभा की 15 महीला सदस्यों को भी याद किया.
राष्ट्रपति ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया
आज के कार्यक्रम के दौरान भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित लघु फिल्म प्रस्तुति की गई. इसके साथ ही भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति ने 'भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक' और 'भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा' शीर्षक पुस्तकों का विमोचन. भारतीय संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन. भारतीय संविधान का संस्कृत में विमोचन किया गया. मैथिली में भारतीय संविधान का विमोचन किया गया. भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन किया गया.
सभा को संबोधित कर रहे हैं उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़
संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत भाषण लोकसभा अध्यक्ष ओंम बिरला ने दिया. अब उपराष्ट्रपति इस सभा को संबोधित कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि यदि राजनीतिक पार्टियां देश से ऊपर धर्म को रखेंगी तो हमारी स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी.
स्वागत भाषण दे रहे हैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण दे रहे हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मैं आज संविधान दिवस मना रहे करोड़ों भारतीयों को बधाई देता हूं. 75 साल पहले इसी दिन हमारे संविधान को संहिताबद्ध किया गया था. राष्ट्रपति जी के नेतृत्व में पूरा देश आज एक साथ संविधान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है. आज करोड़ों देशवासी संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेंगे. पीएम मोदी की प्रेरणा से हमने साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया था. हमारा संविधान हमारे लोगों की वर्षों की तपस्या, त्याग, सरलता, शक्ति और क्षमता का परिणाम है. इसी सेंट्रल हॉल में करीब 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने देश की भौगोलिक और सामाजिक विविधताओं को एक सूत्र में बांधने वाला संविधान बनाया.
संविधान दिवस के मौके पर कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता राहुल गांधी संविधान दिवस समारोह में भाग लेने के लिए संसद पहुंचे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सदस्य संसद के सेंट्रल हॉल में पहुंचे और राष्ट्रगान के साथ 'संविधान दिवस' समारोह की शुरुआत हुई.
"हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान" के तहत थोड़ी देर में शुरू होंगे कार्यक्रम
संसद के सेंट्रल हॉल में सांसद और मंत्री जुट गये हैं. थोड़ी देर में लोकसभा अध्यक्ष कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे.
आज संसद के सेंट्रल हॉल में उद्घाटन कार्यक्रम
भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
- भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित लघु फिल्म प्रस्तुति.
- भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया जायेगा.
- “भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” शीर्षक पुस्तकों का विमोचन.
- भारतीय संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन.
- भारतीय संविधान का संस्कृत में विमोचन.
- मैथिली में भारतीय संविधान का विमोचन.
- भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन किया गया.
भारत का संविधान दिवस 2024: जानें तिथि, उत्पत्ति, महत्व
भारत का संविधान दिवस, जिसे संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है, देश में एक वार्षिक उत्सव की तरह मनाया जाता है. यह 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है. इसे संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों का सम्मान करने के लिए 2015 में आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था.
डॉ. बीआर अंबेडकर, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय संविधान के 'मुख्य वास्तुकार' या 'पिता' के रूप में जाना जाता है, ने एक बार प्रसिद्ध रूप से कहा था, 'संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है; यह जीवन का एक साधन है, और इसकी भावना हमेशा युग की भावना होती है. जैसा कि हम आज भारत के संविधान को चिह्नित करते हैं, यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए - इसकी तिथि से लेकर इसके इतिहास, महत्व और बहुत कुछ.
भारत का संविधान दिवस 2024: तिथि और इतिहास
भारत में संविधान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है और 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है. यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है. परिणामस्वरूप, संविधान दिवस प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है. इस वर्ष, 2024 में, यह मंगलवार को पड़ेगा. डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किए गए संविधान का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करना था.
2015 में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत, सरकार ने संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने और अंबेडकर की 125वीं जयंती के साथ मेल खाने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में नामित किया. इससे पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था.
टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा- सरकार संघीय सिद्धांतों का सम्मान करे, राज्यों को उनका हक दे
संविधान दिवस समारोह पर टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा कि संविधान दिवस मनाया जा रहा है, यह अच्छी बात है, लेकिन मैं मोदी सरकार से कहना चाहूंगी कि अगर वे वाकई संविधान का सम्मान करना चाहते हैं, तो सबसे पहले संसद का सम्मान किया जाना चाहिए, संसद में बहस की अनुमति दी जानी चाहिए, यह संविधान में सबसे महत्वपूर्ण है. उन्हें संघीय सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए, राज्यों को उनका हक देना चाहिए, राजनीतिक विमर्श में धर्मों को नहीं लाना चाहिए, असहमति का सम्मान करना चाहिए, लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए.
constitution75.com की मुख्य विशेषताएं
संविधान की विरासत से नागरिकों को संवादात्मक गतिविधियों और संसाधनों के माध्यम से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक समर्पित वेबसाइट, constitution75.com बनाई गई है. वेबसाइट निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करती है:
- प्रस्तावना पढ़ें और वीडियो रिकॉर्ड करें : नागरिक अपनी पसंद की भाषा में संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए वीडियो रिकॉर्ड करके अभियान में भाग ले सकते हैं. वीडियो को अभियान की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है. भागीदारी का प्रमाण पत्र डाउनलोड किया जा सकता है.
- संविधान को विभिन्न भाषाओं में पढ़ें : संविधान के पूर्ण पाठ को विभिन्न भाषाओं में पढ़ें, ताकि यह सभी नागरिकों के लिए सुलभ हो सके.
- इतिहास में गोता लगाएं : संविधान निर्माण के बारे में जानें, संविधान सभा की बहसें पढ़ें, संविधान निर्माण में शामिल विभिन्न समितियों की रिपोर्टें पढ़ें तथा आधुनिक भारत को आकार देने वाले मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
- इंटरैक्टिव विशेषताएं : 'अपना संविधान जानें', एक एआई सक्षम इंटरैक्टिव सुविधा है , जहां कोई भी संविधान के बारे में प्रश्न पूछ सकता है और भारत के संविधान से संबंधित विस्तृत उत्तर प्राप्त कर सकता है.
आज भारत एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र, एक आत्मविश्वासी राष्ट्र, एक भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है: सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के संविधान दिवस समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से भारत ने एक परिवर्तनकारी यात्रा की है, जो विभाजन की भयावहता, व्यापक निरक्षरता, गरीबी और भुखमरी, नियंत्रण और संतुलन की एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली और आत्म-संदेह से भरे हुए राष्ट्र से आज एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र, एक आत्मविश्वासी राष्ट्र, एक भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है. लेकिन इसके पीछे भारत का संविधान है जिसने इस परिवर्तन में मदद की है. यह आज एक जीवन शैली है जिसे जीना है... बार के सदस्य के रूप में मेरा कार्यकाल निश्चित रूप से एक न्यायाधीश के रूप में मेरे कार्यकाल से अधिक लंबा है. न्यायाधीश बार से आते हैं और बार में वापस चले जाते हैं. हम बार से संबंधित हैं, जितना बेहतर बार होगा, उतने ही बेहतर न्यायाधीश होंगे...
भारत सरकार ने देश के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले ऐतिहासिक समारोह की शुरुआत की घोषणा की है. यह निर्णय हमारे लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है, जो संविधान दिवस 26 नवंबर, 2024 से शुरू होगा. यह समारोह " हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान " अभियान के तहत आयोजित किए जा रहा हैं और इसका उद्देश्य संविधान में निहित मूल मूल्यों को दोहराते हुए संविधान के निर्माताओं के योगदान का सम्मान करना है.
आज संसद के सेंट्रल हॉल में उद्घाटन कार्यक्रम हुआ. भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी है. इस संविधान ने भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की. यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाया गया था, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है. अपनी स्थापना के बाद से, संविधान पिछले 75 वर्षों से राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है.
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हमारा संविधान प्रेरणादायक: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे प्रथम राष्ट्रपति को भरोसा था कि हमारा देश क्षमताओं को विकसित करते हुए प्रगति करेगा. मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकती हूं कि हमने यह लक्ष्य हासिल किया है.
सभा को संबोधित कर रही हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सभा को संबोधित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है. उन्होंने विशेष तौर पर संविधान सभा की 15 महीला सदस्यों को भी याद किया.
राष्ट्रपति ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया
आज के कार्यक्रम के दौरान भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित लघु फिल्म प्रस्तुति की गई. इसके साथ ही भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति ने 'भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक' और 'भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा' शीर्षक पुस्तकों का विमोचन. भारतीय संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन. भारतीय संविधान का संस्कृत में विमोचन किया गया. मैथिली में भारतीय संविधान का विमोचन किया गया. भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन किया गया.
सभा को संबोधित कर रहे हैं उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़
संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत भाषण लोकसभा अध्यक्ष ओंम बिरला ने दिया. अब उपराष्ट्रपति इस सभा को संबोधित कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि यदि राजनीतिक पार्टियां देश से ऊपर धर्म को रखेंगी तो हमारी स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी.
स्वागत भाषण दे रहे हैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण दे रहे हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मैं आज संविधान दिवस मना रहे करोड़ों भारतीयों को बधाई देता हूं. 75 साल पहले इसी दिन हमारे संविधान को संहिताबद्ध किया गया था. राष्ट्रपति जी के नेतृत्व में पूरा देश आज एक साथ संविधान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है. आज करोड़ों देशवासी संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेंगे. पीएम मोदी की प्रेरणा से हमने साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया था. हमारा संविधान हमारे लोगों की वर्षों की तपस्या, त्याग, सरलता, शक्ति और क्षमता का परिणाम है. इसी सेंट्रल हॉल में करीब 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने देश की भौगोलिक और सामाजिक विविधताओं को एक सूत्र में बांधने वाला संविधान बनाया.
संविधान दिवस के मौके पर कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता राहुल गांधी संविधान दिवस समारोह में भाग लेने के लिए संसद पहुंचे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सदस्य संसद के सेंट्रल हॉल में पहुंचे और राष्ट्रगान के साथ 'संविधान दिवस' समारोह की शुरुआत हुई.
"हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान" के तहत थोड़ी देर में शुरू होंगे कार्यक्रम
संसद के सेंट्रल हॉल में सांसद और मंत्री जुट गये हैं. थोड़ी देर में लोकसभा अध्यक्ष कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे.
आज संसद के सेंट्रल हॉल में उद्घाटन कार्यक्रम
भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
- भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित लघु फिल्म प्रस्तुति.
- भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया जायेगा.
- “भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” शीर्षक पुस्तकों का विमोचन.
- भारतीय संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन.
- भारतीय संविधान का संस्कृत में विमोचन.
- मैथिली में भारतीय संविधान का विमोचन.
- भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन किया गया.
भारत का संविधान दिवस 2024: जानें तिथि, उत्पत्ति, महत्व
भारत का संविधान दिवस, जिसे संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है, देश में एक वार्षिक उत्सव की तरह मनाया जाता है. यह 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है. इसे संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों का सम्मान करने के लिए 2015 में आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था.
डॉ. बीआर अंबेडकर, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय संविधान के 'मुख्य वास्तुकार' या 'पिता' के रूप में जाना जाता है, ने एक बार प्रसिद्ध रूप से कहा था, 'संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है; यह जीवन का एक साधन है, और इसकी भावना हमेशा युग की भावना होती है. जैसा कि हम आज भारत के संविधान को चिह्नित करते हैं, यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए - इसकी तिथि से लेकर इसके इतिहास, महत्व और बहुत कुछ.
भारत का संविधान दिवस 2024: तिथि और इतिहास
भारत में संविधान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है और 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है. यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है. परिणामस्वरूप, संविधान दिवस प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है. इस वर्ष, 2024 में, यह मंगलवार को पड़ेगा. डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किए गए संविधान का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करना था.
2015 में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत, सरकार ने संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने और अंबेडकर की 125वीं जयंती के साथ मेल खाने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में नामित किया. इससे पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था.
टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा- सरकार संघीय सिद्धांतों का सम्मान करे, राज्यों को उनका हक दे
संविधान दिवस समारोह पर टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा कि संविधान दिवस मनाया जा रहा है, यह अच्छी बात है, लेकिन मैं मोदी सरकार से कहना चाहूंगी कि अगर वे वाकई संविधान का सम्मान करना चाहते हैं, तो सबसे पहले संसद का सम्मान किया जाना चाहिए, संसद में बहस की अनुमति दी जानी चाहिए, यह संविधान में सबसे महत्वपूर्ण है. उन्हें संघीय सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए, राज्यों को उनका हक देना चाहिए, राजनीतिक विमर्श में धर्मों को नहीं लाना चाहिए, असहमति का सम्मान करना चाहिए, लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए.
constitution75.com की मुख्य विशेषताएं
संविधान की विरासत से नागरिकों को संवादात्मक गतिविधियों और संसाधनों के माध्यम से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक समर्पित वेबसाइट, constitution75.com बनाई गई है. वेबसाइट निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करती है:
- प्रस्तावना पढ़ें और वीडियो रिकॉर्ड करें : नागरिक अपनी पसंद की भाषा में संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए वीडियो रिकॉर्ड करके अभियान में भाग ले सकते हैं. वीडियो को अभियान की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है. भागीदारी का प्रमाण पत्र डाउनलोड किया जा सकता है.
- संविधान को विभिन्न भाषाओं में पढ़ें : संविधान के पूर्ण पाठ को विभिन्न भाषाओं में पढ़ें, ताकि यह सभी नागरिकों के लिए सुलभ हो सके.
- इतिहास में गोता लगाएं : संविधान निर्माण के बारे में जानें, संविधान सभा की बहसें पढ़ें, संविधान निर्माण में शामिल विभिन्न समितियों की रिपोर्टें पढ़ें तथा आधुनिक भारत को आकार देने वाले मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
- इंटरैक्टिव विशेषताएं : 'अपना संविधान जानें', एक एआई सक्षम इंटरैक्टिव सुविधा है , जहां कोई भी संविधान के बारे में प्रश्न पूछ सकता है और भारत के संविधान से संबंधित विस्तृत उत्तर प्राप्त कर सकता है.
आज भारत एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र, एक आत्मविश्वासी राष्ट्र, एक भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है: सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के संविधान दिवस समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से भारत ने एक परिवर्तनकारी यात्रा की है, जो विभाजन की भयावहता, व्यापक निरक्षरता, गरीबी और भुखमरी, नियंत्रण और संतुलन की एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली और आत्म-संदेह से भरे हुए राष्ट्र से आज एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र, एक आत्मविश्वासी राष्ट्र, एक भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है. लेकिन इसके पीछे भारत का संविधान है जिसने इस परिवर्तन में मदद की है. यह आज एक जीवन शैली है जिसे जीना है... बार के सदस्य के रूप में मेरा कार्यकाल निश्चित रूप से एक न्यायाधीश के रूप में मेरे कार्यकाल से अधिक लंबा है. न्यायाधीश बार से आते हैं और बार में वापस चले जाते हैं. हम बार से संबंधित हैं, जितना बेहतर बार होगा, उतने ही बेहतर न्यायाधीश होंगे...