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VASTU TIPS : कैसे हो आपके घर के दरवाजे, बनाते समय रखिए इन बातों का ध्यान - वास्तु शास्त्र के नियम

हम घर बनाते समय वास्तु शास्त्र अनुसार दरवाजा का भी निर्माण होना चाहिए.

घर के दरवाजे
घर के दरवाजे (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 26, 2024, 8:51 AM IST

बीकानेर. दरवाजे लगाने के वास्तु शास्त्र सिद्धांत यह सुनिश्चित करते हैं कि घर में ऊर्जा का प्रवाह व्यवस्थित तरीके से हो, एक शांतिपूर्ण घर का माहौल बनाने में घर के दरवाजे आपकी मदद कर सकते है. प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास बताते है कि दरवाजों के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ नियम हैं.

इसे भी पढ़ें: Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे हों घर के दरवाजे, ताकि मिलता रहे शुभफल, यहां जानिए

  1. एक दिशा में एक ही बराबर तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए.
  2. घर में दो प्रवेश द्वार होने चाहिए। एक बड़ा दूसरा छोटा.
  3. प्रवेश द्वार मकान के एकदम कोने में न बनाएं.
  4. मकान के भीतर तक जाने का मार्ग मुख्य द्वार से सीधा जुड़ा होना चाहिए.
  5. मकान के ठीक सामने विशाल दरख्त न हो तो बेहतर.
  6. मुख्य द्वार के ठीक सामने किसी भी तरह का कोई खम्भा न हो.
  7. खुला कुआं मुख्य द्वार के सामने न हो.
  8. मुख्य द्वार के सामने कोई गड्ढा अथवा सीधा मार्ग न हो.
  9. कचरा घर, जर्जर पड़ी इमारत या ऐसी कोई नकारात्मक चीज मकान के सामने नहीं होनी चाहिए.
  10. दरवाजे के सामने उपर जाने के लिए सीढ़ियां नहीं होना चाहिए.
  11. एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए, दो पल्ले वाला हो.
  12. मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए.
  13. मुख्यद्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं बनवाना चाहिए. वास्तु अनुसार सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.
  14. मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए, मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए .
  15. दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए.
  16. घर के ऊपरी मंजिल के दरवाजे निचले मंजिल के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए.
  17. दरवाजे टूटे फूटे नहीं होना चाहिए.
  18. द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है.
  19. कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है.
  20. घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए.

बीकानेर. दरवाजे लगाने के वास्तु शास्त्र सिद्धांत यह सुनिश्चित करते हैं कि घर में ऊर्जा का प्रवाह व्यवस्थित तरीके से हो, एक शांतिपूर्ण घर का माहौल बनाने में घर के दरवाजे आपकी मदद कर सकते है. प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास बताते है कि दरवाजों के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ नियम हैं.

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  1. एक दिशा में एक ही बराबर तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए.
  2. घर में दो प्रवेश द्वार होने चाहिए। एक बड़ा दूसरा छोटा.
  3. प्रवेश द्वार मकान के एकदम कोने में न बनाएं.
  4. मकान के भीतर तक जाने का मार्ग मुख्य द्वार से सीधा जुड़ा होना चाहिए.
  5. मकान के ठीक सामने विशाल दरख्त न हो तो बेहतर.
  6. मुख्य द्वार के ठीक सामने किसी भी तरह का कोई खम्भा न हो.
  7. खुला कुआं मुख्य द्वार के सामने न हो.
  8. मुख्य द्वार के सामने कोई गड्ढा अथवा सीधा मार्ग न हो.
  9. कचरा घर, जर्जर पड़ी इमारत या ऐसी कोई नकारात्मक चीज मकान के सामने नहीं होनी चाहिए.
  10. दरवाजे के सामने उपर जाने के लिए सीढ़ियां नहीं होना चाहिए.
  11. एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए, दो पल्ले वाला हो.
  12. मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए.
  13. मुख्यद्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं बनवाना चाहिए. वास्तु अनुसार सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.
  14. मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए, मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए .
  15. दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए.
  16. घर के ऊपरी मंजिल के दरवाजे निचले मंजिल के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए.
  17. दरवाजे टूटे फूटे नहीं होना चाहिए.
  18. द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है.
  19. कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है.
  20. घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए.
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