भरतपुर: प्रदेश की मंडियों में अब नकली सरसों ने दस्तक दे दी है. जी हां ये सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी कि अब सरसों भी नकली आने लगी है. मंडियों में पहुंच रही नकली सरसों से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शातिर असामाजिक तत्वों ने मिट्टी और पॉलिस से हूबहू नकली सरसों तैयार कर दी है, जिसे सामान्य तौर पर पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है. भरतपुर जिले की वैर और डीग जिले की कामां मंडी में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. मंडी व्यापारियों को जब सरसों की गुणवत्ता पर शक हुआ, तो नकली सरसों का भेद खुला. आइए जानते हैं कि नकली सरसों कैसे तैयार की जा रही और इसकी पहचान कैसे करें.
ऐसे तैयार हो रही नकली सरसों : सरसों व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि वैर और कामां की मंडियों में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आए हैं. नकली सरसों तैयार करने के लिए असामाजिक तत्व मिट्टी और सरसों के रंग जैसी पॉलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं. मिट्टी से पहले सरसों के आकार के दाने तैयार किए जाते हैं. ये संभवतः किसी मशीन से तैयार किए जाते होंगे, क्योंकि ये दाने एक जैसे आकार के होते हैं. इन दानों पर पॉलिस की जाती है, जिससे ये देखने में बिल्कुल असली सरसों जैसी नजर आती है.