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अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, बोले- विधानसभा के सामने दूंगा धरना - BJP LEADER DEVI SINGH BHATI

पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी अपनी ही सरकार के ही खिलाफ मुखर हैं. उन्होंने विधानसभा के सामने 6 फरवरी को धरने की घोषणा की है.

BJP leader Devi Singh Bhati
पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 5:44 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 6:47 PM IST

बीकानेर: विपक्ष कई बार ये आरोप लगाता है कि भाजपा सरकार में आमजन के काम नहीं होते और जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही, लेकिन इस बार भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं. उन्होंने सोमवार को कहा कि इस सरकार में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही, इसलिए उन्होंने छह फरवरी को जयपुर में विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की है.

भाटी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाल ही में अक्षय ऊर्जा निगम का आदेश जारी हुआ है. इसमें प्रदेश के कुछ गांवों में सरकारी जमीन को अक्षय ऊर्जा निगम के नाम करने के लिए आदेश दिए गए हैं. बीकानेर जिले में भी दो गांवों को शामिल करते हुए उस गांव में सरकारी जमीन को अक्षय ऊर्जा निगम को देने के आदेश दिए हैं, जबकि यह पूरी तरह से गैर कानूनी और असंवैधानिक आदेश है, क्योंकि यदि कहीं खेत में भाइयों के बीच में बंटवारा होता है तो रास्ता नहीं मिलेगा. ऐसे में यह विवाद का आदेश है. इसको वापस लेना चाहिए.

पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी (ETV Bharat Bikaner)

पढ़ें: गाय और गोचर के लिए किसी का वध भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगाः देवी सिंह भाटी

IPS अधिकारी की नियुक्ति पर आपत्ति: भाटी ने कहा कि पिछले दिनों वे खुद कोलायत विधायक के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले थे. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि आरपीएससी से आईपीएस में पदोन्नत होकर आए एक अधिकारी को बीकानेर नहीं लगाएं,क्योंकि वह लंबे समय तक बीकानेर में आरपीएस के रूप में काम कर चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके उनको बीकानेर में आईपीएस लगा दिया गया है. इससे साफ तौर पर साबित होता है कि सरकार में जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही.

बारदाना व यूरिया की कमी: भाटी ने कहा कि अफसरों की लापरवाही के चलते हर साल किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बीकानेर में इस बार मूंगफली की बंपर फसल हुई है. दूसरी फसल भी अच्छी होती है, लेकिन हर साल किसानों को अपनी फसल कई दिनों तक मंडी में खुले में रखनी पड़ती है. हर बार बारदाने की कमी होती है, जिसके कारण खरीद नहीं हो पाती, जबकि बारदाना एक सामान्य सी वस्तु है. उसकी पहले से व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन किसानों को परेशान होना पड़ता है. इसी प्रकार यूरिया के लिए किसानों को कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ती है, जबकि यूरिया ब्लैक में बिकता है. किसानों की कोई सुनता ही नहीं है और सरकार के मंत्री आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कोई भी किसानों के पास नहीं जाता है और उनकी पीड़ा नहीं सुनता है. अब किसी को तो उनकी बात सुननी ही पड़ेगी, इसलिए मैंने उनके पक्ष में यह आवाज उठाई है.

मूक दर्शक नहीं रह सकता: भाटी ने कहा कि मैं खुद भाजपा में हूं. प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन यदि आम जनता को तकलीफ में है और जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है तो मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता, इसलिए मैंने यह बात कही है और अब जयपुर में विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना भी दूंगा.

बीकानेर: विपक्ष कई बार ये आरोप लगाता है कि भाजपा सरकार में आमजन के काम नहीं होते और जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही, लेकिन इस बार भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं. उन्होंने सोमवार को कहा कि इस सरकार में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही, इसलिए उन्होंने छह फरवरी को जयपुर में विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की है.

भाटी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाल ही में अक्षय ऊर्जा निगम का आदेश जारी हुआ है. इसमें प्रदेश के कुछ गांवों में सरकारी जमीन को अक्षय ऊर्जा निगम के नाम करने के लिए आदेश दिए गए हैं. बीकानेर जिले में भी दो गांवों को शामिल करते हुए उस गांव में सरकारी जमीन को अक्षय ऊर्जा निगम को देने के आदेश दिए हैं, जबकि यह पूरी तरह से गैर कानूनी और असंवैधानिक आदेश है, क्योंकि यदि कहीं खेत में भाइयों के बीच में बंटवारा होता है तो रास्ता नहीं मिलेगा. ऐसे में यह विवाद का आदेश है. इसको वापस लेना चाहिए.

पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी (ETV Bharat Bikaner)

पढ़ें: गाय और गोचर के लिए किसी का वध भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगाः देवी सिंह भाटी

IPS अधिकारी की नियुक्ति पर आपत्ति: भाटी ने कहा कि पिछले दिनों वे खुद कोलायत विधायक के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले थे. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि आरपीएससी से आईपीएस में पदोन्नत होकर आए एक अधिकारी को बीकानेर नहीं लगाएं,क्योंकि वह लंबे समय तक बीकानेर में आरपीएस के रूप में काम कर चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके उनको बीकानेर में आईपीएस लगा दिया गया है. इससे साफ तौर पर साबित होता है कि सरकार में जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही.

बारदाना व यूरिया की कमी: भाटी ने कहा कि अफसरों की लापरवाही के चलते हर साल किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बीकानेर में इस बार मूंगफली की बंपर फसल हुई है. दूसरी फसल भी अच्छी होती है, लेकिन हर साल किसानों को अपनी फसल कई दिनों तक मंडी में खुले में रखनी पड़ती है. हर बार बारदाने की कमी होती है, जिसके कारण खरीद नहीं हो पाती, जबकि बारदाना एक सामान्य सी वस्तु है. उसकी पहले से व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन किसानों को परेशान होना पड़ता है. इसी प्रकार यूरिया के लिए किसानों को कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ती है, जबकि यूरिया ब्लैक में बिकता है. किसानों की कोई सुनता ही नहीं है और सरकार के मंत्री आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कोई भी किसानों के पास नहीं जाता है और उनकी पीड़ा नहीं सुनता है. अब किसी को तो उनकी बात सुननी ही पड़ेगी, इसलिए मैंने उनके पक्ष में यह आवाज उठाई है.

मूक दर्शक नहीं रह सकता: भाटी ने कहा कि मैं खुद भाजपा में हूं. प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन यदि आम जनता को तकलीफ में है और जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है तो मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता, इसलिए मैंने यह बात कही है और अब जयपुर में विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना भी दूंगा.

Last Updated : Feb 3, 2025, 6:47 PM IST
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