देहरादूनःउत्तराखंड में नशे के कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है. इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) और पुलिस विभाग की टीम प्रदेश के तमाम हिस्सों में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में एफडीए और पुलिस विभाग की टीम को देहरादून को सहसपुर क्षेत्र में स्थित ग्रीन हर्बल फैक्ट्री की आड़ में अवैध नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना मिली, जिस पर एफडीए और पुलिस विभाग की टीम ने छापेमारी कर फैक्ट्री के मालिक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना पर सहसपुर पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) देहरादून की संयुक्त टीम ने औषधि/एफडीए विजिलेंस, देहरादून को साथ में लेकर 5 दिसंबर को लांघा रोड स्थित काया साइकिल गोदाम के पास ग्रीन हर्बल नाम की फैक्ट्री की बिल्डिंग में छापेमारी की कार्रवाई की. छापेमारी के दौरान टीम को फैक्ट्री से भारी मात्रा में अवैध रूप से तैयार की जा रही नशीली दवाइयां और सिरप मिली. मौके से पुलिस टीम ने फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ में जानकारी मिली कि उनके साथ दो अन्य लोग भी अवैध नशीली दवाइयों के निर्माण में शामिल थे.
2023 में लिया फूड लाइसेंस: पुलिस ने बताया कि, पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक संजय कुमारने बताया कि वो पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करता था. मालिक द्वारा उस फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाई जाती थी, जिस कारण आरोपी को उन दवाइयों की सप्लाई और डिमांड की पूरी जानकारी थी. हालांकि, तीन साल पहले उस फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद आरोपी ने साल 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया. जहां वो फूड लाइसेंस की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था.