लखनऊ :लोकसभा चुनावों की गहमा-गहमी के बीच राजनीतिक दलों में दावों और वादों का दौर बुलंदी पर हैं. भाजपा सभी 80 सीटों पर अपनी जीत का दावा कर रही है, वहीं दूसरा दल खुद को सबसे आगे बता रहे हैं. ऐसे में प्रदेश और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता की क्या स्थिति और रणनीति है. पार्टी इस विषय में क्या सोचती है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से बातचीत की. देखें विस्तृत खबर...
प्रश्न : लोकसभा चुनाव के चार चरण संपन्न हो चुके हैं. पांचवें चरण में लखनऊ और आसपास के जिलों में मतदान होना है. अब तक के चुनाव में भाजपा की क्या स्थिति है?
उत्तर :मोदी जी के नेतृत्व में 10 साल में जो हमारी सरकार ने काम किए हैं, उन कामों के आधार पर हम लगातार जनता के बीच में हैं. हमारी गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास का एजेंडा और प्रधानमंत्री का संकल्प "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" के आधार पर ही आगे बढ़ रहे हैं. जिस प्रकार से नीचे से सूचनाएं आ रही हैं, उसके आधार पर मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री के संकल्प 'अबकी बार चार सौ पार' को प्रदेश की महान जनता जरूर पूरा करेगी.
प्रश्न : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा दो सौ से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी. अखिलेश यादव डेढ़ सौ सीटें ही भाजपा की बता रहे हैं. आपका क्या मानना है?
उत्तर : यह तो प्रदेश और देश की महान जनता को तय करना है. सपा और कांग्रेस के लोग दिन में सपना देख रहे हैं. जब विधानसभा के चुनाव हो रहे थे, तब वह चार सौ सीटें जीत रहे थे. परिणाम सबके सामने हैं. यह लोग केवल मीडिया में हैं. नकारात्मक बातें करके विपक्ष जनता का समर्थन हासिल नहीं कर सकता है. हम लगातार अच्छे काम कर रहे हैं और जनता के बीच में हैं.
प्रश्न : विपक्ष के नेता लगातार कह रहे हैं कि भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें इसलिए चाहिए, क्योंकि वह संविधान बदलना चाहते हैं?
उत्तर : कांग्रेस और सपा की मंशा हमेशा धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की रही है. उन्होंने राज्यों में इस काम को किया भी, लेकिन संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. यह लोगों को गुमराह करके अपना एजेंडा सेट करना चाहते हैं. हम 10 वर्ष से केंद्र और सात वर्ष से प्रदेश में सरकार में हैं. प्रदेश और देश की महान जनता ने इतना बड़ा जनादेश हमें दिया है. हमारी सरकार ने सपा के इस षड़यंत्र को कई बार बेनकाब भी किया है. सपा परिवारवादी पार्टी है, जिसमें सिर्फ उनके परिवार के लोगों को अवसर मिलता है. यही हाल कांग्रेस का भी है.
प्रश्न : आपने परिवारवाद का विषय उठाया है, लेकिन प्रदेश में जितने भी आपके गठबंधन वाले दल हैं, वह सब परिवारवादी हैं. एक तरफ तो आप परिवारवाद की आलोचना करते हैं, दूसरी ओर परिवारवाद को बढ़ावा देते हैं. ऐसा क्यों?
उत्तर : हमारा गठबंधन है. वह हमारे सारे विषयों से सहमत हों ऐसा नहीं है. यदि वह हमसे पूरी तरह सहमत होते तो हमारी पार्टी के एजेंडे को मानते, लेकिन ऐसा नहीं है. उनका अपना दल है, लेकिन भाजपा परिवारवाद और जातिवाद के खिलाफ है. हमारी पार्टी गरीब, किसान और महिलाएं हैं. हम इनके लिए लगातार काम कर रहे हैं.