छिंदवाड़ा: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद देश भर की एजेंसियां मौत की वजह ढ़ूंढने में जुटी हैं. प्राथमिक तौर पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोदो खाने की वजह से हाथियों की मौत हो सकती है. क्या सच में मोटा अनाज कोदो इतना खतरनाक है कि उसके खाने से हाथियों की मौत हो सकती है. जानिए क्या कहते हैं वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर विकास शर्मा.
एस्पेरजिलस संक्रमित कोदो के सेवन से हाथियों के जान जाने की आशंका
शासकीय महाविद्यालय चौरई, वनस्पति शास्त्र विभाग के डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि कोदो मिलेट्स या श्रीअन्न जिसे मनुष्यों द्वारा भोजन के रूप में ग्रहण किया जाता है. इसके बार में कई बार ऐसी जानकारी सुनने या पढ़ने में मिलती है कि इसे खाकर इंसान या जानवरों में विषाक्तता उत्पन्न हो गई. विषाक्तता के लक्षण उल्टी, जी मचलाने और चक्कर आने के रूप में देखे जाते हैं. कई मामलों में समय रहते उपचार न मिलने पर इसका सेवन करने वाले की जान तक चली जाती है. जंगली जानवरों के मामले में अक्सर यह स्थिति जानलेवा होती है. अभी हाल ही में ऐसा प्रकरण बांधवगढ़ नेशनल पार्क में भी सामने आया है.
जर्नल ऑफ फूड साइंस में प्रकाशित शोध पत्र से भी मिलते हैं इसी तरह के प्रमाण
इस विषाक्तता का संबंध एक कवक से है. जिसका नाम एस्परजिलस टमारी कीटा है. इस कवक से संक्रमित अनाज का सेवन करना घातक होता है. साइंस डायरेक्ट समूह के जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में प्रकाशित लेख के अनुसार इस परजीवी कवक में CPA (साइक्लोपियाजोनिक एसिड) नामक कवक विष निर्मित होता है. इसी के प्रभाव से विषाक्तता उत्पन्न होती है. इसी तरह के प्रमाण शोध पत्रिका जर्नल ऑफ फूड साइंस में प्रकाशित शोध पत्र से भी मिलते हैं.
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