उत्तरकाशी: बारिश न होने से भागीरथी नदी सहित सहायक नदियों और जल स्रोतों में वाटर डिस्चार्ज घटता जा रहा है. इसका असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ रहा है. मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना सहित लघु जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन में कमी आई है. यदि जल्द बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो आने वाले दिनों के साथ गर्मियों में बिजली संकट गहरा सकता है.
पानी कम, बिजली डिम: इस सीजन में बारिश की कमी के चलते भागीरथी नदी के वाटर डिस्चार्ज में भी कमी आई है. स्थिति ये है कि पूर्व में इस दौरान जहां 35 क्यूमेक्स से अधिक वॉटर डिस्चार्ज रहता था, वहीं अब यह 28 से कम हो गया है. इसके चलते एक टर्बाइन चलाने के लिए जरूरी 34 से 35 क्यूमेक्स का डिस्चार्ज भी नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण करीब 100 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली मनेरी भाली परियोजना प्रथम चरण के तिलोथ पावर हाउस से बमुश्किल प्रतिदिन एक मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो पा रहा है. जबकि यह एक मिलियन यूनिट बिजली से अधिक ही रहता था.
टर्बाइन चलाने लायक भी नहीं आ रहा पानी: वहीं 304 मेगावाट क्षमता की द्वितीय चरण परियोजना के धरासू पावर हाउस में भी एक टर्बाइन चलाने लायक पानी नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते जल विद्युत निगम जोशियाड़ा बैराज में जलाशय के भरने पर चौबीस घंटे में 8 से 10 घंटे ही दो टर्बाइन चला पा रहे हैं. जिससे 1.5 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है. कभी यह 7 मिलियन यूनिट तक रहता था.