रोहतक :हरियाणा की गढ़ी सांपला-किलोई सीट हाईप्रोफाइल होने के साथ-साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ भी मानी जाती है. यहां लंबे वक्त से हुड्डा परिवार का दबदबा रहा है. माना जा रहा है कि गढ़ी-सांपला सीट पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पलड़ा भारी है. लेकिन बीजेपी ने यहां से मंजू हुड्डा को मैदान में उतारा है जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को टक्कर देती हुई नज़र आ रही हैं.
गढ़ी सांपला-किलोई की टक्कर में कौन ? :गढ़ी सांपला-किलोई सीट पर अगर उम्मीदवारों की बात की जाए तो यहां से कुल 14 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था जिसमें से अब तक 11 उम्मीदवारों के नामांकन को मंजूर किया गया. वहीं 3 उम्मीदवारों के नामांकन को रिजेक्ट कर दिया गया जिसके बाद अब यहां से 9 उम्मीदवार गढ़ी सांपला-किलोई की जंग में उतरे हैं. कांग्रेस ने यहां से पिछला चुनाव जीतने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने यहां से मंजू हुड्डा को टिकट दिया है. मंजू हुड्डा गैंगस्टर राजेश हुड्डा की पत्नी हैं. वे साल 2022 में रोहतक जिला परिषद के चुनाव में चेयरमैन बनीं थी. जब मंजू हुड्डा चेयरमैन बनी थीं तो शहर में गैंगस्टर की पत्नी होने के कारण काफी चर्चा हुई थी. चेयरमैन बनने के बाद मंजू हुड्डा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) ने यहां से सुशीला देवी को टिकट दिया है. वहीं इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो (INLD) ने यहां से कृष्ण को मैदान में उतारा है.आम आदमी पार्टी ने यहां से प्रवीण को टिकट दिया है.
गढ़ी सांपला-किलोई सीट का इतिहास:हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में गढ़ी सांपला किलोई को सबसे हॉट सीट माना जाता है. ये विधानसभा सीट रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आती है. रोहतक से इस वक्त भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ी मार्जिन से विजयी होकर सांसद बने हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही यहां से वर्तमान विधायक भी हैं. वे यहां से लगातार 5 बार से विधायक चुने जा रहे हैं. इस बार उनका ये छठवां चुनाव है. गढ़ी सांपला-किलोई सीट के इतिहास की बात की जाए तो इस सीट पर अब तक हुड्डा परिवार का खासा दबदबा रहा है. 2009 में गढ़ी सांपला-किलोई सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सतीश नांदल को 72100 वोटों से हराया था, जबकि 2014 में भी हुड्डा ने सतीश नांदल को 47185 वोटों से शिकस्त दी थी. गढ़ी सांपला में ही किसान नेता सर छोटूराम का जन्म हुआ था. 2009 से पहले इस विधानसभा क्षेत्र का नाम किलोई था. परिसीमन के बाद इसका नाम बदल दिया गया.
2019 के चुनाव में क्या हुआ : 2019 के विधानसभा चुनाव में गढ़ी सांपला-किलोई सीट में कुल 73.3 % वोटिंग हुई थी. कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी के सतीश नांदल को चुनाव में शिकस्त दे दी थी. बीजेपी के सतीश नांदल को 39443 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 97755 वोट मिले थे. वहीं विधानसभा चुनाव 2014 और 2009 में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही इस सीट से विधायक थे. इसलिए इसे हुड्डा का मजबूत गढ़ माना जाता है.
पार्टी | कैंडिडेट | 2019 में वोट |
कांग्रेस | भूपेंद्र सिंह हुड्डा | 97,755 |
बीजेपी | सतीश नांदल | 39,443 |
जेजेपी | संदीप हुड्डा | 5,437 |
2024 में कौन मारेगा बाजी ?:अपना मजबूत गढ़ होने से भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी मंजू हुड्डा की जीत की राह आसान नहीं है और इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही टफ फाइट है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हराने के लिए मंजू हुड्डा को ख़ासा जोर लगाना पड़ेगा, तभी उनकी इस इलाके में जीत सुनिश्चित हो सकेगी. अब देखना होगा कि गढ़ी सांपला-किलोई सीट की जनता यहां किसे विजयी बनाती है और किसे ये "गढ़" सौंपती है. इसके लिए आपको 8 अक्टूबर का इंतज़ार करना होगा, क्योंकि 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और फिर 8 अक्टूबर को वोटों की काउंटिंग होगी और ईटीवी भारत हमेशा की तरह आपको देगा सबसे तेज़ और सबसे सटीक नतीजे.