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उत्तराखंड में नहीं होंगे लोकसभा चुनाव के तहत इन बड़े अधिकारियों के तबादले, चुनाव आयोग ने बताया कारण

Election Commission letter to CS Radha Raturi केंद्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के संबंध में राज्यों को पत्र लिखा है. लेकिन उत्तराखंड राज्य को इसमें छूट दी गई है.

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फाइल फोटो

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 27, 2024, 7:09 PM IST

Updated : Feb 27, 2024, 10:06 PM IST

देहरादून:केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने को लेकर एक कदम आगे बढ़ाया है. आयोग ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ये कहा है कि जिन अधिकारियों को एक स्थान पर 3 साल पूरे हो गए हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से उस जिले से बाहर स्थानांतरण किया जाए. हालांकि, 5 या उससे कम लोकसभा सीटों वाले राज्यों को इसमें आंशिक छूट दी गई है. ऐसे में उत्तराखंड को भी आदेश से दूर रखा गया है.

पत्र में लिखा गया है कि जिन जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, एडीजी, एसपी सहित तमाम अधिकारियों को एक स्थान पर ड्यूटी करते हुए तीन साल से अधिक हो गए हैं उनके ट्रांसफर किए जाएं और इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी जाए. जल्द से जल्द राज्य की पांच लोकसभा सीटों पर होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर तमाम अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाए.

चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा है कि नियमित कवायद के तहत सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी अपनी 3 साल की सेवा की अवधि एक जिले में पूरी कर चुके हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से उस संसदीय क्षेत्र से ट्रांसफर किया जाए. चुनाव आयोग ने इस बात को भी स्पष्ट किया है कि ये ट्रांसफर जिले के अंदर न हों बल्कि दूसरी जिले में ही अधिकारी को तैनाती मिलनी चाहिए, ताकि स्वच्छ और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया को पूरा करवाया जा सके.

राज्य को मिली छूट:चुनाव आयोग ने पत्र में कहा है कि जिस राज्य में पांच या उससे कम लोकसभा सीटें हैं. उन राज्यों में इसके लिए छूट दी जाएगी. लिहाजा, उत्तराखंड राज्य इस विषय पर छूट पाने का अधिकार रखता है.

क्यों होते हैं चुनाव से पहले तबादले:निर्वाचन आयोग की नियमावली कहती है कि चुनाव के दौरान जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात होना पड़ता है, उन अधिकारियों की ड्यूटी उनके गृह क्षेत्र और उस स्थान पर नहीं होनी चाहिए, जहां पर वो 3 साल से ड्यूटी कर रहे हैं. इसमें वो अधिकारी शामिल होते हैं जो सीधे तौर पर पर्यवेक्षी क्षमता में किसी तरह से चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. निष्पक्ष और निर्भय चुनाव हो सकें, इसके लिए सभी अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजा जाता है.

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Last Updated : Feb 27, 2024, 10:06 PM IST

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