पटना : बिहार के जानेमाने अर्थशास्त्री एन के चौधरी का कहना है कि सुशील कुमार मोदी, कुशल वित्त प्रबंधक, वित्त मंत्री और कुशल प्रशासक थे. सुशील कुमार मोदी का एक विजन था और टीमवर्क कैसे होता है उन्हें पता था. एन के चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 में बिहार में जो एक नए युग का सूत्रपात हुआ, जिसमें गुड गवर्नेंस और आर्थिक विकास शामिल था उसका आधार बनाने में सुशील मोदी की भूमिका प्रमुख थी.
''सुशील मोदी के प्रयास से केवल बजट का आकार बड़ा ही नहीं हुआ बल्कि कुशल वित्त प्रबंधन के कारण संसाधन पर्याप्त उपलब्ध हो सका, जिससे आर्थिक विकास की गति तेज हो सकी और उस समय विश्व भर में चर्चा होने लगी. विश्व भर के लोग बिहार आकर अध्ययन करने लगे.''- एन के चौधरी, अर्थशास्त्री
'सुमो ने डगमगाती वित्त व्यवस्था को पटरी पर लाया' :एन के चौधरी ने कहा कि 2005 में जब सुशील मोदी वित्त मंत्री बने थे तब उन्होंने एक बैठक की थी, जिसमें एकेडमिक लोग भी थे उसमें मैं भी था. हम लोगों ने आर्थिक सर्वेक्षण लाने का सुझाव दिया था. उस समय सुशील मोदी ने कहा इतनी जल्दी कैसे होगा लेकिन बाद में उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण लाया. एन के चौधरी ने कहा कि बिहार में बिना विशेष कर लगाये लोगों से विचार कर और नेतृत्व की सहमति से डगमगाती वित्त व्यवस्था को सुशील मोदी ने पटरी पर लाया.
''मैं तो यहां तक कहूंगा अगर सुशील मोदी का वित्त प्रबंधन नहीं होता तो नीतीश कुमार आर्थिक विकास और गुड गवर्नेंस का जो क्रेडिट लेते हैं वह उन्हें नहीं मिलता.''- एन के चौधरी, अर्थशास्त्री
'GST काउंसिल में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका' :जीएसटी को लेकर एन के चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी का उसमें भी बड़ा योगदान रहा है. जीएसटी काउंसिल में सभी की सहमति जरूरी होती है. यह काम सुशील मोदी ने अपनी दूरदृष्टि से बखूबी किया.
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