दुमका:झारखंड केजिन ग्यारह मजदूरों को तमिलनाडु के सेलम में बंधक बनाया गया था, वे सभी सकुशल लौट आए हैं. बुधवार को ये सभी मजदूर एल्लेपी एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे. जहां से श्रम अधीक्षक रमेश कुमार सिंह उन सभी को लेकर दुमका पहुंचे. दुमका पहुंचते ही एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने इन सभी से मुलाकात की और उनके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी ली.
सेलम स्टेशन उतरते ही ऑटो वालों ने किया कब्जा
दरअसल, दुमका के अलग-अलग गांव के 11 मजदूर मुंशी बास्की, मस्तराम सिंह, नीरज गृही, दीपक कुमार पहाड़िया, विजय गृही, सुरेन्द्र सिंह, नोरेन सोरेन, बाबूजी सोरेन, शंकर पहाड़िया, राजू पहाड़िया और जोगेश सोरेन एक सप्ताह पहले काम की तलाश में तमिलनाडु गए हुए थे. जहां उनका अपहरण हो गया था.
दुमका आने के बाद एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार को मजदूरों ने बताया कि सेलम स्टेशन में उतरने के बाद उन्हें जिस व्यक्ति के संपर्क से कपड़े मिल में काम करने के लिए पहुंचना था, उस शख्स ने ऑटो चालक से बात करा देने को कहा था, ताकि वह उनको सही जगह तक आराम से पहुंचा सके. ऐसे में इन मजदूरों के साथ गए मुंशी बास्की ने ऑटो चालक से उस शख्स की बात करायी. इसके बाद दो ऑटो में सभी 11 मजदूर सवार हो गए.
दोनों ऑटो चालकों ने 40-50 किमी दूर ले जाने के बाद किसी खाली जगह पर ले गया और सभी मजदूरों को बंधक बना लिया. इसके बाद सारे पैसे और मोबाइल छीन लिए. उनके साथ मारपीट भी की. घर से फोन पे पर पैसे मंगवाने का दबाव भी बनाया गया तो एक ने अपने घर से पंद्रह हजार रुपये फोन पे पर मंगवा भी लिया. मजदूरों ने बताया कि उनलोगों ने देर शाम को दो मजदूरों के मोबाइल को वापस किया तथा मारपीट कर छोड़ दिया. अनजान शहर में वे लोग इतने सहम गए कि वहां की पुलिस से भी कोई शिकायत नहीं कर सकें.
इन सबों को दिया जाएगा प्रशिक्षण: एसपी