कोटा.एशिया की सबसे बड़ी भामाशाह कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को किसानों को मुसीबत का सामना करना पड़ा. सुबह अचानक से घने बादल छा गए और बारिश हो गई. बारिश करीब 45 से 50 मिनट तक चली. इसके बाद भी रिमझिम बारिश का दौर दोपहर 2:30 बजे तक चलता रहा. इसके चलते किसानों का करोड़ों रुपए का माल भी गीला हो गया. यह मंडी में खुली नीलामी के लिए रखा हुआ था. अधिकांश माल की नीलामी नहीं हुई थी. ऐसे में गेहूं, सरसों, चना, सोयाबीन, धान और धनिया सहित अन्य जिंस भीग गई. दूसरी तरफ नाले जाम होने से शेड के नीचे भी पानी जमा हो गया. जिसके चलते शेड में मौजूद जिंस भी गीली हो गई.
आनन-फानन में किसानों को आढ़तिया से मिले त्रिपाल से किसानों ने अपनी जिंस को बचाने का प्रयास किया, लेकिन यह असफल रहा. अधिकांश किसानों की फसल भीग गई और मंडी के कई जगह पानी भर गया. किसानों का कहना है की बारिश के पहले मंडी समिति को भी पता था कि जिंस की नीलामी खुले में नहीं होनी चाहिए. उनका कहना है कि किसानों का माल शेड के नीचे ही रखना चाहिए. बड़े-बड़े शेड मंडी में बने हुए हैं, लेकिन किसानों की जगह वहां पर व्यापारियों का माल रखा होता है. उन्होंने इस पर आपत्ति जताई है.
किसान राजेंद्र जैन का कहना है की मंडी छोटी पड़ती है. शेड के अंदर बड़ी-बड़ी बोरियां रखी हुई हैं. बारिश में मंडी की हालत खराब हो गई है. इसके चलते गेहूं समेत अन्य जीन्स के भाव नीचे गिर गए हैं. किसान दुर्गा शंकर का कहना है कि सारा माल मंडी में खराब हो गया है. व्यापारी तो रेट डाउन करके माल लेंगे. पूरा माल खुले में ही पड़ा हुआ है. शेड में व्यापारियों का माल पड़ा हुआ है, पूरी नालियां जाम व कचरे से भरी हुई हैं.