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8 साल बाद हिमाचल में नवंबर माह में सूखे की स्थिति, बारिश को लेकर मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

हिमाचल में 8 साल बाद नवंबर माह में सुखे की स्थिति है. अक्टूबर में मानसून की विदाई के बाद से बारिश नहीं हुई है.

8 साल बाद हिमाचल में नवंबर माह में सूखे की स्थिति
8 साल बाद हिमाचल में नवंबर माह में सूखे की स्थिति (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश में नवंबर महीने में जहां रोहतांग लाहुल स्पीति किन्नौर में पहाड़ बर्फ से ढके नजर आते थे और ठंड से लोगों के हाल बेहाल होते थे. वहीं, इस साल हिमाचल में सूखे के हालात बने हुए है. डेढ़ माह से हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी तो दूर की बात है, बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी है. बारिश नहीं होने से किसानों और बागवानों की भी चिंता बढ़ गई है.

हिमाचल प्रदेश में मानसून 2 अक्टूबर को विदा हुआ था, उसके बाद से पूरे प्रदेश में बारिश की एक बूंद नहीं गिरी है. हिमाचल में साल 2016 में ऐसी स्थिति बनी थी, जब नवंबर माह में भी बारिश नहीं हुई हो. इस साल अक्टूबर माह में 97 फीसदी बारिश कम दर्ज की गई है. वहीं, नवंबर माह में पूरी तरह सूखे की स्थिति बनी हुई है. जितने भी पश्चिमी विक्षोभ आए वह बिन बरसे ही निकल गए. वहीं, आने वाले दिनों में भी बारिश के आसार नहीं बन रहे हैं.

मौसम विभाग के अनुसार 22 नवंबर से एक और पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में प्रवेश करेगा. लेकिन मुख्यतः उसका असर प्रदेश में कम ही देखने को मिलेगा. वहीं, मैदानी क्षेत्रों में अभी कोहरे से निजात मिलने के आसार नहीं है. मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. आने वाले दिनों में तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी.

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "मानसून की विदाई के बाद अक्टूबर माह भी सूखा निकल गया. वहीं, नवंबर माह में भी बारिश अभी तक नहीं हुई है. नवंबर माह में दो पश्चिमी विक्षोभ 11 और 14 नवंबर को आए. इस दौरान कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई. लेकिन पूरे प्रदेश में सूखे की स्थिति अभी तक बनी हुई है. आने वाले तीन दिनों तक भी ऐसी स्थिति बनी रहने वाली है".

कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "22 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में प्रवेश कर रहा है. लेकिन इसका असर प्रदेश में कम देखने को मिलेगा. लाहौल स्पीति, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और हल्की बर्फबारी हो सकती है. इसका असर बाकी प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगा. तापमान में आने वाले दिनों में गिरावट दर्ज की जाएगी".

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि साल 2016 में भी इसी तरह पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे प्रदेश भर में नहीं पड़ा था. इस साल भी ऐसी ही स्थिति प्रदेश में बनी हुई है. मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है. आने वाला पश्चिमी विक्षोभ का मुख्यतः प्रभाव जम्मू कश्मीर में है. हिमाचल प्रदेश से यह होकर जब गुजरेगा उस समय कुछ असर इसका ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है. आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश भर में मौसम साफ रहेगा.

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