नई दिल्लीः दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों में नाराजगी एक बार फिर चरम की ओर बढ़ रही है. एक महीने पहले मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा की गई घोषणाओं पर अमल न होने के कारण ये कर्मचारी फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. कर्मचारियों की हड़ताल से दिल्ली की सड़कों पर बसों का संचालन बंद हो सकता है. इसका सीधा असर रोजाना बसों में सफर करने वाले करीब 41 लाख यात्रियों पर पड़ेगा.
घोषणाओं पर अमल न होने से नाराजगीःडीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने 9 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए योजनाओं की घोषणा की थी. लेकिन अभी भी डीटीसी बोर्ड की बैठक तक नहीं बुलाई गई है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. चौधरी का कहना है कि सरकार के वादे केवल पोस्टरों और भाषणों तक ही सिमट के रह गए हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक अपने इलाकों में पोस्टर लगाकर वाहवाही लूट रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी लागू नहीं हुआ. ऐसे में अब कर्मचारी हमसे जवाब मांग रहे हैं.
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि 30 दिसंबर तक सरकार ने आदेश जारी नहीं किया, तो वे हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे. डीटीसी कर्मचारी पहले भी हड़ताल कर चुके हैं. इससे दिल्ली की सड़कों पर बसों का संचालन ठप हो गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने मामले में हस्तक्षेप किया और मांगे मानने का आश्वासन दिया था. वहीं, ललित चौधरी का कहना है कि दिल्ली सरकार में विधायक कुलदीप कुमार से बात हुई तो विधायक ने कहा कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी डीटीसी कर्मचारियों की मांग की फाइल पर काम नहीं कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर हैशटैग चलाकर विरोधःडीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #DTC_Release_Circular हैशटैग चलाया गया है. इस हैशटैग पर हजारों पोस्ट किए गए हैं. जिनमें कर्मचारियों की नाराजगी और उनकी मांगों को उजागर किया गया. इस हैशटैग पर मुख्यमंत्री आतिशी व केजरीवाल को टैग करते हुए पोस्ट डाली गई है, जिसमें डीटीसी के 27 हजार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी और उनका परिवार आपके किए गए वादों का इंतजार कर रही है, कृपया सर्कुलर रिलीज किया जाए.
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है परेशानीःदिल्ली में बसों में करीब 41 लाख यात्री रोजाना सफर कर गंतव्य तक जाते हैं. अगर डीटीसी कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं, तो दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन पर भारी असर पड़ेगा. लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. डीटीसी कर्मचारियों की नाराजगी सरकार के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है. समय रहते अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो दिल्ली की सड़कों पर एक बार फिर प्रदर्शन और हड़ताल का माहौल बन सकता है.