भरतपुर:जिले में बुधवार शाम से ही रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी. गुरुवार सुबह तक यह रिमझिम बारिश जारी रही. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मावठ रबी फसलों के लिए वरदान साबित होगी. खासतौर पर सरसों, गेहूं और चने की फसल के लिए. फसलों को हुए फायदे संयुक्त निदेशक कृषि, देशराज सिंह ने बताया कि इस बारिश से खेतों की नमी में सुधार हुआ है.
फसलों के लिए वरदान मावठ (ETV Bharat Bharatpur) सरसों की फसल:सरसों के लिए फूल और फलियां बनने के इस समय पर यह बारिश बेहद महत्वपूर्ण है. इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा और पैदावार बढ़ेगी.
गेहूं की फसल: गेहूं की फसल को नमी मिलने से उसकी ग्रोथ बेहतर होगी. यह बारिश सिंचाई का खर्च भी बचाएगी.
चना की फसल: चने की फसल को पोषक तत्वों का लाभ मिलने के साथ मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा में भी सुधार होगा.
किसानों के चेहरे खिले: गांव सांतरुक से किसान मनोज कुंतल ने बताया कि मावठ से हमारी सरसों की फसल को नया जीवन मिला है. हमें अब कम सिंचाई करनी पड़ेगी, जिससे लागत कम होगी. यह बारिश समय पर हुई है. इससे फसलों को लाभ होगा.
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संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि मावठ की बारिश रबी फसलों की वृद्धि और पैदावार के लिए बेहद लाभकारी है. यह न केवल मिट्टी में नमी बनाए रखती है, बल्कि प्राकृतिक रूप से पोषण भी प्रदान करती है. इससे उत्पादन क्षमता में 15-20% तक बढ़ोतरी की संभावना होती है.
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भरतपुर संभाग में रबी फसल बुवाई:
- गेहूं: 3,93,334 हेक्टेयर
- सरसों: 7,67,730 हेक्टेयर
- दलहन फसलें: 55,072 हेक्टेयर
- तिलहन फसलें: 7,69,674 हेक्टेयर
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भरतपुर जिले में रबी फसलों का रकबा
- गेहूं: 69,389 हेक्टेयर
- सरसों: 1,52,011 हेक्टेयर
- जौ: 2,660 हेक्टेयर
- आलू: 1,600 हेक्टेयर
हालांकि, ज्यादा बारिश होने पर सरसों की फसल में पानी भरने का खतरा भी हो सकता है. कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि फसल की नियमित निगरानी करें और अधिक बारिश की स्थिति में जल निकासी का उचित प्रबंध करें. साथ ही बरसात की वजह से अब फसलों पर पाला पड़ने और नुकसान का खतरा भी कम हो जाएगा. साथ ही किसान इस समय गेहूं की फसल में यूरिया, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का छिड़काव कर पैदावार में वृद्धि कर सकते हैं.