आगरा :योगी सरकार ने आगरा के बहुचर्चित पुष्टाहार की कालाबाजारी में शुक्रवार रात जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को भी निलंबित कर दिया. डीपीओ को मुख्यालय से संबद्ध कर किया गया है. डीपीओ पर पुष्टाहार वितरण में भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप हैं. इस बारे में शासन ने विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रतिभा सिंह से मांगी है. अब तक पुष्टाहार की कालाबाजारी में डीपीओ, सीडीपीओ, सुपरवाइजर समेत 19 के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही पुष्टाहार की कालाबाजारी में गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर जेल में हैं. पुलिस की छानबीन और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दूध की टंकी में पुष्टाहार एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था. लंबे समय से प्रदेश की महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य के गृह जिले में पुष्टाहार वितरण में घोटाला हो रहा था.
बता दें कि आगरा जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 508 आंगनबाड़ी हैं. 27 सितंबर 2024 तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था. पुष्टाहार की कालाबाजारी उजागर होने पर अब इन सभी केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच की जा रही है. डीएम के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है. जिसमें दो से तीन दिनों में टीमें हर घर जाकर पुष्टाहार वितरण का सत्यापन करेंगी. किस आंगनबाड़ी केंद्र को कितना पुष्टाहार मिला और कितने पुष्टाहार लाभार्थियों को बांटा गया. ये रिकार्ड देखा जाएगा.
शिकायतें भी बनेंगी आधार :डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि, जिले में एक साल में पुष्टाहार की कालाबाजारी की कितनी शिकायतें मिलीं, इन्हें रोकने के क्या प्रयास किए गए. शिकायत और कार्रवाई की जांच की जाएगी. इन सभी शिकायतों की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा से तलब की गई है. जिले में जिन केंद्रों में अभी तक पुष्टाहार नहीं बंटा है, उन सभी केंद्रों की जांच दूसरे चरण में होगी. पहले चरण में 167 केंद्र शामिल किए गए हैं. जिसके लिए शासन स्तर से उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने दिए थे निर्देश :आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला सीएम योगी तक पहुंचा तो उन्होंने इसका संज्ञान लिया. मंगलवार को जब वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई तो सीएम योगी ने आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से पूछा था कि पुष्टाहार की कालाबाजारी में कहीं कोई माफिया तो नहीं है. सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शिकायतें खूब आईं हैं. इसमें सख्त कार्रवाई करें. इसके बाद ही आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है.
निलंबित हुईं यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता :माया (टीला हुसैन खां), मधु (टीला हुसैन खां), ब्रजलता (कटरा गड़रियान), रजनी (टीला शेखमनु), सुनीता देवी (सदर भट्टी), मिथलेश (शाहगंज), विमला देवी (राजा की मंडी), मिथलेश (कुम्हार पाड़ा), रेनू अस्थाना (काजीपाड़ा प्लस वन), खुशबू (चक्कीपाट), माधुरी शर्मा (काजीपाड़ा), मालती शिवहरे (नाई की मंडी), कांता शर्मा (नालबंद), भारती (मीरा हुसैनी) और सुपरवाइजर अनीता समेत 17 शामिल हैं.
ऐसे खुला था पूरा खेल :आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का खेल 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह की टीम के प्रवीन अग्रवाल के गोदाम पर छापामार कार्रवाई में हुआ था. गोदाम में आंगनबाड़ी लाभार्थियों को वितरित होने वाले खाद्यान्न की बोरियां बरामद हुई थीं. जिसमें चना की दाल, रिफाइंड और दलिया था. इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम मालिक आरोपित प्रवीन अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें पुलिस ने बुधवार को प्रवीन अग्रवाल और खाद्यान्न बेचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी को गिरफ्तार किया था. डीएम ने सीएम योगी के निर्देश पर सुपरवाइजर समेत 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निलंबित किया था. इसके साथ ही डीपीओ और सीडीपीओ के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी थी.