चंडीगढ़: हरियाणा की मौजूदा भाजपा सरकार के लिए आने वाला एक सप्ताह काफी चुनौती भरा रहने वाला है. क्योंकि हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) द्वारा 25 जुलाई को प्रदेश भर में व्यापक हड़ताल की चेतावनी दी गई है. वहीं, क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी भी आंदोलन की तैयारी में है. इनके अलावा अपनी मांगे पूरी नहीं होने से रोष व्याप्त प्रदेश के कंप्यूटर ऑपरेटर भी 15 जुलाई से पंचकूला में हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में हरियाणा में 8900 से अधिक रजिस्ट्रियां लंबित हैं.
ठप रहेंगी ओपीडी समेत इमरजेंसी सेवाएं: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एचसीएमएसए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने हरियाणा सरकार को मांगे पूरी नहीं होने पर 25 जुलाई को व्यापक हड़ताल की चेतावनी दी है. एचसीएमएससी द्वारा प्रदेश भर में ओपीडी सेवाओं समेत इमरजेंसी सेवाएं भी ठप करने की चेतावनी दी गई है.
बेसिक-पे स्केल बढ़ाने की मांग:हरियाणा की क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी भी आंदोलन की तैयारी में है. एसोसिएशन के सह-महासचिव विकास छौक्कर ने बताया कि उनकी मुख्य मांग बेसिक-पे स्केल 35400 करवाना है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा बेसिक-पे स्केल 19,900 से बढ़ाकर 21,700 किया गया था. लेकिन इससे क्लर्कों को कोई फायदा नहीं पहुंचा, क्योंकि अधिकांश क्लर्क 3-3 इंक्रीमेंट लगने पर पहले से इस पे स्केल पर हैं. जबकि वर्ष 2018-19 में भर्ती हुए क्लर्क उनका बेसिक-पे स्केल 35400 करने की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट में गलत तथ्य पेश करने के आरोप: क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी के सह महासचिव विकास छौक्कर ने बताया कि उनकी बेसिक पे स्केल बढ़ोतरी की मांग के संबंध में एक कमेटी गठित की गई थी. लेकिन कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए. इसमें हरियाणा की उन राज्यों से तुलना की गई, जहां बेसिक पे स्केल कम है. जबकि हर राज्य का अपना वर्क नेचर होता है.
रिपोर्ट में छुपाया गया तथ्य:विकास छौक्कर ने बताया कि कमेटी द्वारा रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया कि जिन राज्यों का उन्होंने रिपोर्ट में उदाहरण दिया है, वहां भी बेसिक पे स्केल शुरुआती तौर पर कम है लेकिन 2 साल बाद बढ़ जाता है. कहा कि हरियाणा सरकार ने अपनी ही रिपोर्ट में यह कहा है कि हरियाणा की अन्य राज्यों से तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि यदि हरियाणा की अन्य राज्यों से तुलना करनी है तो कई राज्यों में पटवारी का पे स्केल 21700 है. ऐसे में हरियाणा में पटवारी 32,400 पे स्केल पर किन कारणों से हैं.