सिरमौर: इस धरती पर डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है. मौत की दहलीज पर खड़े मरीज को डॉक्टर नया जीवन दे सकता है. जब मरीज अपनी आखिरी सांसें गिन रहा हो और डॉक्टर उसे मौत के मुंह से वापस ले आए तो उसे चमत्कार कहा जाता है. ऐसा ही कुछ चमत्कार नाहन मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर ने भी किया है.
लीवर पूरी तरह से खराब होने, फेफड़ों में पानी भर जाने और पूरे शरीर पर काफी अधिक सूजन आने के चलते एक मरीज की जान पर बन आई. यहां तक की वो बिना ऑक्सीजन के सांस भी नहीं ले पा रहा था. पीजीआई चंडीगढ़ में चंद रोज उपचार के बाद मरीज को ये कहकर लौटा दिया गया कि अब कुछ नहीं बचा, मरीज को वापस ले जाओ, लेकिन इस मरीज की जिंदगी को डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन के डॉक्टरों ने बचाया है. अब मरीज की हालत में सुधार है और बीते दिन मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
मरीज की हालत में सुधार का पूरा श्रेय परिवार ने मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. अनिकेता शर्मा को दिया है, जिन्होंने न केवल डॉक्टर होने का बखूबी फर्ज निभाया, बल्कि परिवार की आर्थिक रूप से भी मदद की. मरीज की पत्नी ने इसके लिए डॉक्टर अनिकेता का तहे दिल से आभार व्यक्त किया है. दरअसल उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले 37 वर्षीय पप्पू की पत्नी पुष्पा आम्बवाला-सैनवाला पंचायत में रहती है, जो यहां ब्यूटी पार्लर का काम करती हैं. पुष्पा का पति पप्पू भी पहले यहीं पर काम करता था, लेकिन कुछ समय से वो हरियाणा के करनाल की एक निजी कम्पनी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था.
फेफड़ों में भर गया था पानी
पुष्पा ने बताया कि, 'मेरे पति को पूरे शरीर में काफी सूजन आने के कारण बेहोशी की हालत में गत 2 जनवरी को नाहन मेडिकल कॉलेज लाया गया था. टेस्ट करने पर सामने आया कि मेरे पति के लीवर में काफी खराबी आ चुकी है और फेफड़ों सहित शरीर में पानी भर चुका है. आधा बोतल पानी निकाला भी गया. बेहतर उपचार के मकसद से डॉ. अनिकेता ने उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ ले जाने की सलाह देते हुए रेफर किया. यही नहीं एम्बुलेंस इत्यादि की भी डॉक्टर ने खुद ही व्यवस्था की थी.'
'अब कुछ नहीं हो सकता, ये कहकर लौटा दिया मरीज'
पुष्पा ने बताया कि, '3 जनवरी को मैं अपने पति को नाहन से उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले गई. वहां सभीटेस्टकिए गए, लेकिन मेर पति को होश नहीं आया. 3-4 दिन के बाद पीजीआई चंडीगढ़ से ये कहकर लौटा दिया गया कि मरीज का लीवर पूरी तरह से खराब हो चुका है. अब कुछ नहीं हो सकता और इसे वापस ले जाओ. पीजीआई से जवाब देने के बाद हमने डॉ. अनिकेता से संपर्क किया और 8 जनवरी की सुबह मैं अपने पति को वापस नाहन मेडिकल कॉलेज लेकर आई. यहां डॉक्टर अनिकेता और उनकी टीम ने न केवल उनके पति का उपचार किया, बल्कि उनकी आर्थिक सहायता के साथ-साथ हर प्रकार से मदद की.'