मंडी: डॉक्टर भगवान के बराबर होता है. ऐसा हमने अक्सर सुना है. इसकी कीमत वही शख्स जान सकता है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो और उसे केवल अपने डॉक्टर पर भरोसा हो. यूं तो अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज डॉक्टर करते हैं. उपचार के दौरान मरीज बिस्तर पर लेटे होते हैं और डॉक्टर एक के बाद एक सब मरीजों की जांच करते हैं और उन्हें उपचार देते हैं लेकिन शनिवार को जोनल अस्पताल मंडी में इससे उल्ट देखने को मिला.
डॉक्टर ने खुद के ऑपरेशन के बाद किया मरीज का इलाज
यहां डॉक्टर खुद बिस्तर पर थे और एक मरीज उनके पास उपचार करवाने के लिए आया. ना चाहते हुए भी डॉक्टर को मरीज के निवेदन पर उपचार देना पड़ा. जोनल अस्पताल मंडी में कार्यरत MBBS डॉ. दुष्यंत ठाकुर के पांव का शनिवार को ऑपरेशन हुआ था. दोपहर करीब 12 बजे उन्हें ऑपरेशन थियेटर से बाहर लाया गया. दोपहर करीब 2 बजे उन्हें धर्मपुर निवासी 64 वर्षीय नारायण सिंह के परिजनों का फोन आता है और वह बताते हैं कि नारायण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और वह उनसे ही उपचार करवाने की जिद्द कर रहा है.
डॉक्टर ने बिस्तर पर लेटे हुए की मरीज की जांच
मरीज को फेफड़ों की बीमारी थी जिस वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मरीज का इलाज मेडिकल कॉलेज नेरचौक में चल रहा था लेकिन मरीज को डॉ. दुष्यंत ठाकुर के इलाज पर भरोसा था. ऐसे में मरीज अस्पताल से छुट्टी लेकर जोनल अस्पताल मंडी में अपने परिजनों के साथ पहुंचा. यहां डॉक्टर साहब बिस्तर पर थे और बिस्तर से ही उन्होंने मरीज को देखा. मरीज की सब रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने वार्ड में लेटे-लेटे मरीज की जांच की. जांच के बाद डॉक्टर ने उपचार के लिए मरीज को जोनल हॉस्पिटल मंडी के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया.