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डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट केस: 2.81 करोड़ में सिर्फ 27.88 लाख ही होंगे रिकवर, जानिए क्यों - cyber fraud with PGI Doctor

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 9:15 PM IST

डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट केस: 2.81 करोड़ में सिर्फ वापस होंगे 27 लाख, अपराधियों की गिरफ्तारी की उम्मीद भी कम, जानिए क्यों

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डॉक्टर रुचिका टंडन डिजिटल अरेस्ट केस (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: लखनऊ पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन के साथ डिजिटल अरेस्ट करके हुई ठगी के मामले में साइबर क्राइम थाने की टीम इन्वेस्टिगेशन कर रही है. लेकिन शुरूआती जांच और कार्रवाई से पीड़ित महिला डॉक्टर को ठगे हुए पूरे ढाई करोड़ रुपए वापस मिलने की उम्मीद कम ही दिख रही है. साइबर पुलिस 27.88 लाख रुपए ही फ्रीज करा पाए. जिन्हें वापस मिलने की ही उम्मीद है. वहीं डिजिटल अरेस्ट के आरोपी ठग दुबई से पूरे मामले को ऑपरेट कर रहे थे, इसीलिए उनकी गिरफ्तारी के भी आसार कम ही हैं.

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक, वैसे तो साइबर ठगी का शिकार पीड़ित 72 घंटे के अंदर पुलिस को खुद के साथ हुई ठगी की जानकारी दे देता है. तो यह संभावना अधिक बन जाती है कि, ठगी की रकम पीड़ित को वापस मिल सकती है. लेकिन डॉक्टर रुचिका टंडन के साथ 8 दिनों तक ठगी की गई थी. यही वजह है कि जो रकम पहले अपराधियों को ट्रांसफर हुई उसे वो अलग अलग अकाउंट में ट्रांसफर करते गए और फिर बाद में उसको क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर दिया. लेकिन जो आखिर में रकम ट्रांसफर हुई उसे साइबर पुलिस ने फ्रीज करा दिए. जो करीब 27.88 लाख रुपए हैं.

रुचिका टंडन के केस को बारे में अमित दुबे कहते है कि, अपराधियों ने 5 से 8 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करने का तरीका ही इसलिए अपनाया, जिससे वो ठगी हुई रकम को ठिकाने लगा सके. क्योंकि आमतौर पर जब जालसाज ठगी करते है तो पीड़ित तत्काल पुलिस को सूचना देता है जिससे वो रकम खातों को फ्रीज करा बचा ली जाती है. लेकिन जब पीड़ित डिजिटल अरेस्ट रहेगा तो वह पुलिस को जानकारी ही 72 घंटे से अधिक के समय बाद ही दे पाएगा. जिससे वो अपना पैसा ऑनलाइन शॉपिंग, क्रिप्टो करेंसी खरीदने आदि में कर देते हैं.

वहीं यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते हैं कि, डिजिटल अरेस्ट, लोन एप के जरिए ठगी और सेक्सटोर्शन इन तीन तरीकों की ठगी करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करना फिलहाल तो यूपी की जांच एजेंसियों की लिए काफी मुस्किल है. इसके पीछे का कारण इन ठगों का देश के बाहर रहना है. यह ठगी दुबई, थाइलैंड, चीन और मलेशिया में रह कर जालसाज कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें प्री एक्टिवेटेड सिम यूपी या फिर अन्य राज्यों से भेजे जाते हैं. इसके बाद कॉल करना, पैसे ट्रांसफर करना फिर उन्हें कहीं और इन्वेस्ट कर देना यह काम विदेश में बैठे सरगना ही कर रहे हैं. जिसके चलते इन जालसाजों की गिरफ्तारी करीब करीब नामुमकिन हो जाती है.

डीसीपी ईस्ट शशांक सिंह ने बताया कि, साइबर क्राइम और आशियाना थाने की पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. कई तथ्य सामने आए है जिसमें जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई उनकी डिटेल, इन पैसों से क्या किया गया उसका विवरण और साथ ही 27.88 लाख रुपए फ्रीज भी करवाया है. टीम लगी हुई है, जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी.

साइबर पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि, डॉक्टर रुचिका टंडन से की गई ठगी की रकम का बड़ा हिस्सा गुजरात में सूरत स्थित बैंक खाते में ट्रांसफर हुआ, कुछ रकम राजस्थान, दिल्ली और बिहार के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए. एक अन्य खाते में मौजूद 27.88 लाख रुपए साइबर पुलिस ने किए फ्रीज.

दरअसल, डॉ. रुचिका टण्डन के मुताबिक एक से आठ अगस्त तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया. जालसाजों ने करीब 7 खातों में दो करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे. पीड़ित के मुताबिक, जालसाजों ने उन्हें कई कागज और आईडी कार्ड दिखाए थे. जिसकी वजह से उन्हें अपराधियों के जाल में फंसने का शक ही नहीं हुआ. रुचिका ने पांच खातों में कराई गई एफडी भी तुड़वाई थी. उन्होंने बताया कि कथित सीबीआई अधिकारी ने दावा किया था कि, वह लोग खाते में जमा रुपये के स्रोत की जांच के बाद रुपए लौटा देंगे.

प्रयागराज पुलिस के हत्थे चढ़े दो साइबर ठग (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज पुलिस के हत्थे चढ़े दो साइबर ठग

प्रयागराज: डिजिटल अरेस्ट के एक और मामले में प्रयागराज पुलिस को कामयाबी मिली है. पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले दो ऐसे शातिर युवाओं को गिरफ्तार किया है जो लोगों को क्रिप्टो करेंसी के जरिये रकम कई गुना करने का ऑफर देकर उनका पैसा लगाते थे. इन शातिर ठगों ने एक पूर्व इंजीनियर को ऑन लाइन शिकार बनाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 68 लाख की ठगी कर ली है. दोनों ठग लोगों को ठगकर उस कमाई से दिल्ली में बार एंड रेस्टोरेंट चलाते थे. रिटायर इंजीनियर से 68 लाख की ठगी करने के बाद प्रयागराज पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है.

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