मेरठ : शॉर्ट फ़िल्म बनाने का शौक आपको पुरस्कार दिला सकता है. मेरठ समेत सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के ऐसे युवा जिन्हें कैमरे के सामने एक्टिंग पसंद है वह अपनी शॉर्ट फ़िल्म को यहां भेजकर पुरस्कार भी जीत सकते हैं. मेरठ चलचित्र सोसाइटी एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के द्वारा आयोजित लघु फिल्म महोत्सव में ये फ़िल्में प्रदर्शित भी की जाएंगी.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय फिल्म फेस्टिवल 1 और 2 मार्च को आयोजन करने जा रहा है. इसको लेकर ऐसे युवा जो कलाकार हैं, या जिन्हें अपना मोबाइल कैमरा चलाने में ज्यादा आनंद आता है तो ऐसे युवा नवांकुर फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में अपनी मौलिक शॉर्ट फ़िल्म भेजकर पुरस्कार जीत सकते हैं. मेरठ चलचित्र सोसाइटी से जुड़े एवं विश्वविद्यालय कैम्पस में स्थित तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि नवांकुर सीजन फाइव इस आयोजन को नाम दिया गया है. क्योंकि यह पांचवा फिल्म फेस्टिवल है. फिल्म फेस्टिवल का आयोजन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में ही होगा. इस बार यह फ़िल्म फेस्टिवल दो दिवसीय होगा और 1 व 2 मार्च को आयोजित होगा.
फिल्म फेस्टिवल में तीन मंडलों के ऐसे युवाओं को मंच मिलेगा जो अपना हुनर प्रदर्शित करना चाहते हैं. फ़िल्म फेस्टिवल में मेरठ मंडल समेत सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के ही युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा. प्रदर्शन के लिए युवाओं के सामने दो विकल्प हैं. जिसमें शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए समय सीमा का निर्धारण किया गया है. युवा फ़िल्म निर्माता यहां अपनी सुविधानुसार समय सीमा चुन सकते हैं. जिसमें एक श्रेणी में अधिकतम पांच मिनट तक की फिल्म बना सकते हैं. जबकि दूसरी एक श्रेणी 15 मिनट की निर्धारित है. वह लोग इसमें पार्टीशिपेट क़र सकते हैं. युवाओं को सुविधानुसार फ़िल्म बनाक़र मेरठ फ़िल्म फेस्टिवल की वेबसाइट के लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इन्ही फिल्मों का प्रदर्शन विश्वविद्यालय में दो दिन तक चलने वाले फ़िल्म फेस्ट में होगा.
नकद प्रोत्साहन राशि मिलेगी : अधिकतम 5 मिनट समय सीमा की शॉर्ट फ़िल्म की श्रेणी में जो सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म चुनी जाएगी उसके लिए 11 हजार रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि के तौर पर दी जाएगी. द्वितीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता 5100 रुपये और तीन सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे. इसी प्रकार 5 से 15 मिनट तक वाली फिल्मों में प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता को सम्मानित करने के साथ-साथ 21 हजार रुपये और द्वितीय स्थान प्राप्तकर्ता को 11 हजार रुपये और तीन सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे.
प्रोफेसर अमित पाठक के मुताबिक फिल्म महोत्सव का लक्ष्य है कि भारतीय संस्कृति, सामाजिक समरसता, भारत की महान विभूतियों से आम जनता परिचित हो सके. इच्छुक युवा अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय में आकर भी सम्पर्क कर सकते हैं. इसको लेकर ऑनलाइन भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से जानकारी पा सकते हैं. जहां विस्तार से इस बार के उन विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिन विषयों पर शॉर्ट फ़िल्म बना सकते हैं.
प्रोफेसर प्रशांत कुमार बताते हैं कि इस बार जो 12 विषय हैं उनको भारत और भारतीयता से जुड़े हुए हैं. जो भारत की महान परम्पराएं हैं, जो भारत की ज्ञान परंपराएं भी हैं. समरसता का विषय है उसमें देवी अहिल्याबाई विषय पर फ़िल्म बना सकते हैं. कौशल विकास को भी इसमें जोड़ा गया है. भारत @2047 विषय पर भी युवा फिल्म बना सकते हैं. फरवरी के आखिरी सप्ताह तक युवा अपनी शॉर्ट फ़िल्में भेज सकते हैं. माना जा रहा है कि कम से कम दो सौ ऐसी लघु फिल्में इस बार कार्यक्रम में पहुंचने वाली हैं.