चंडीगढ़:आज दिवाली है. पूरे देश में दिवाली की रौनक देखने को मिल रही है. फूल दुकानों के साथ ही पटाखे के और मिठाईयों की दुकानों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. इसके साथ ही लोग सुबह से ही घरों में पूजा की तैयारियां कर रहे हैं. हर कोई शुभ मुहूर्त में ही पूजा करने की तैयारियां कर रहा है.
कब से कब तक है अमावस्या: पंडितों की मानें तो 31 अक्टूबर को अमावस्या का प्रवेश प्रदोष काल में हो जाएगा और प्रदोष आते ही दिवाली की रात्रि शुरू हो जाती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से लेकर 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 31 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि रहेगी.
दिपावली पूजा का शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:47 से सुबह 5:39 तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह11:39 से दोपहर 12:23 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 1:51 से दोपहर 2:35 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:31 से शाम 5:57 तक
- अमृत काल: दोपहर शाम 5:32 से शाम 7:20 तक
- सायाह्न सन्ध्या: शाम 5:31 से शाम 6:49 तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त:
- लक्ष्मी पूजा का समय: शाम 5:12 बजे से रात 10:30 बजे तक
- लक्ष्मी पूजा निशिता मुहूर्त: रात 11:39 बजे से देर रात 12:31 बजे तक
- वृषभ लग्न: शाम 6:25 बजे से रात 8:20 बजे तक
चौघड़िया मुहूर्त:
- शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 6:31 से सुबह 7:54 बजे तक
- चर-सामान्य मुहूर्त: सुबह 10:39 से दोपहर 12:01 तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 1:23 दोपहर तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 1:23 बजे से दोपहर 2:46 बजे तक
- शुभ-उत्तम मुहूर्त: शाम 4:08 से शाम 5:31 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: शाम 5:31 से शाम 7:08 तक
- चर-सामान्य मुहूर्त: शाम 7:08 से रात 8:46 तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त:1 नवंबर सुबह 12:01 से 1:39 बजे तक
- शुभ-उत्तम मुहूर्त: 1 नवंबर सुबह 3:17 से सुबह 4:55 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 1 नवंबर सुबह 4:55 बजे से सुबह 6:32 बजे तक
पूजन विधि :
- दिवाली पर पूजा करने के लिए पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें.
- चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं.
- फिर गणेश जी की मूर्ति रखें.
- इसके बाद उनके दाहिने तरफ लक्ष्मी जी को रखें.
- इसके बाद संकल्प लेकर पूजा की शुरुआत करें.
- एक मुखी घी का दीपक जलाएं.
- फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें.
- इसके बाद गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.
- आखिरी में आरती करें और फिर शंख ध्वनि करें.
- इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें.
मां लक्ष्मी और गणेश को लगाएं ये खास भोग:मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को आप बर्फी, रसगुल्ला, पेड़ा, गुलाब जामुन और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा मां लक्ष्मी को खीर का भी भोग लगा सकते हैं.
क्यों मनाई जाती है दिवाली :आपको बता दें कि हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाने की परंपरा रही है. हिंदू धर्म का ये सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. 14 साल का वनवास काटकर भगवान श्रीराम इसी दिन वापस अयोध्या आए थे और तभी से इसी खुशी में दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस खास दिन पर अयोध्या के लोगों ने पूरे नगर को दीयों से सजाया था और तभी से दीयों के साथ दीपावली मनाई जा रही है.
मां लक्ष्मी जी की आरती:
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता. तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता. ओम जय लक्ष्मी माता.