लातेहारः जिला में आदिवासी समुदाय और अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक संरक्षण और विकास के नाम पर जमकर धांधली की जा रही है. यहां विकास योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर पैसे की निकासी के कई मामले सामने आए हैं. लातेहार के जिला परिषद सदस्यों की टीम ने विभागीय स्तर पर की जा रही गड़बड़ी की पोल खोल दी.
लातेहार जिला परिषद सदस्यों की एक टीम के द्वारा कल्याण विभाग के माध्यम से आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक संरक्षण और विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जांच की. जिसमें पाया गया कि विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं में गड़बड़ी चरम पर है. योजनाओं में बिचौलिया गिरी पूरी तरह हावी है. जिला परिषद सदस्यों ने जांच में पाया कि कई स्थानों पर बिचौलियों के द्वारा खतियान में छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से योजनाओं की स्वीकृत कराई और पैसे का बंदरबांट कर लिया.
खतियान में छेड़छाड़ कर स्वीकृत की गई योजना
इन विकास योजनाओं की जांच का नेतृत्व कर रहे जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने बताया कि जिला के सभी प्रखंडों में कल्याण विभाग द्वारा की जा रही योजनाओं में धांधली की जा रही है. उन्होंने बताया कि बालूमाथ के बुकरू गांव में फर्जी तरीके से खतियान में छेड़छाड़ कर जंगल झाड़ी जमीन को सरना देवस्थल दिखाकर योजना की स्वीकृत कराई गयी और पैसे का बंदरबांट कर लिया गया. उन्होंने बताया कि खतियान में साफ दर्ज है कि खाता नंबर 81 प्लॉट नंबर 405 पहाड़ झाड़ी किस्म की जमीन है. परंतु योजना के रिकॉर्ड में इस जमीन को सरना देवस्थल दिखाकर फर्जी तरीके से योजना की स्वीकृति की गई. इसी प्रकार बालूमाथ के मननडीह गांव में खाता नंबर 467 प्लॉट नंबर 406 को खतियान में पुरानी परती जमीन दिखाई गई है. परंतु इसे भी सरहुल मांडर दिखाकर फर्जी तरीके से पैसे का बंदरबांट किया गया है. लातेहार के बेसरा गांव में भी इसी प्रकार फर्जी तरीके से कब्रिस्तान के नाम पर धांधली की गई है.
एक ही योजना को कई बार की गई स्वीकृति
जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने आरोप लगाया है कि आदिवासी सरना स्थल देव स्थल और मांडर की घेराबंदी और सुंदरीकरण के नाम पर भी जमकर धांधली हुई है. उन्होंने बताया कि आदिवासी परंपरा के अनुसार किसी भी गांव में एक ही सरना स्थल होता है. परंतु बालूमाथ के सेरेगड़ा गांव में 2022-23 में चार स्थानों पर सरना स्थल के नाम पर योजना स्वीकृत की गई और पैसे की निकासी की गई. परंतु जहां सरना स्थल है, वहां आज तक कोई काम हुआ ही नहीं. इसी प्रकार बालू गांव में एक दबंग बिचौलिया के द्वारा अभियंता से मिली भगत कर एक दर्जन से अधिक फर्जी योजनाओं को अंजाम दिया गया है.