रायपुर : छत्तीसगढ़ दिव्यंग सेवा संघ ने एक बार फिर अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिव्यांगजन 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का बहिष्कार करेंगे. साथ ही राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव से लेकर मुख्यमंत्री निवास तक स्वाभिमान पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
इसके पहले दिव्यांग सेवा संघ ने 28 अगस्त 2024 को स्वाभिमान पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया था. लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद इसे दिव्यांगजनों ने स्थगित कर दिया था.
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का करेंगे विरोध : छत्तीसगढ़ दिव्यंग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहितराम चंद्राकर ने बताया कि 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का बहिष्कार करेंगे. प्रदेश भर के लगभग 5000 दिव्यांग मरीन ड्राइव से स्वाभिमान पैदल मार्च निकालेंगे, जो कलेक्ट्रेट कार्यालय होते हुए मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगी. जहां दिव्यांगजन मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.
स्वाभिमान पैदल मार्च का किया ऐलान (Etv Bharat)
दिव्यांगजन सरकार की वादा खिलाफी से नाराज होने के साथ ही मायूस हो गए हैं. आज से ढाई महीना पहले दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च निकालने वाले थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने 15 दिनों का समय मांगा था. उन्होंने कहा था कि आपकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. लेकिन आज तक हमारी 6 सूत्रीय मांगों पर सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. इस वजह से दिव्यांगजन मायूस हो चुके हैं. : बोहितराम चंद्राकर, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ दिव्यंग सेवा संघ
छत्तीसगढ़ दिव्यंग सेवा संघ की 6 सूत्रीय मांग :
फर्जी तरीके से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर डिप्टी कलेक्टर बने हैं, उन्होंने जो वास्तव में दिव्यांग हैं, उनकी नौकरी पर डाका डाला है. ऐसे डिप्टी कलेक्टर के दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच राज्य मेडिकल बोर्ड या संभाग मेडिकल बोर्ड के द्वारा की जानी चाहिए.
ऐसे दिव्यांगजन महिला, जो 30, 35 और 40 साल के हो गए हैं, जिनकी शादी नहीं हो पा रही है. ऐसी महलाओं को सरकार महतारी वंदन योजना का लाभ दिव्यांगजनों को दिया जाना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए दिव्यांग वंदन योजना चलाया जाना चाहिए.
सरकार की ओर से दिव्यांगों को 500 रुपए पेंशन प्रति माह दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 5 हजार रुपए किया जाना चाहिए. देश के दूसरे राज्यों में दिव्यांगजनों को पेंशन के रूप में 4 से 5 हजार रुपए प्रति माह दिया जा रहा है.
सभी विभागों में दिव्यांग कोटा के बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान विज्ञापन जारी किया जाए. इसके लिए परिपत्र भी सरकार को जारी करना चाहिए.
कोरोना काल के पहले जिन दिव्यांगजनों ने सरकार से कर्ज लिया था, उन सभी दिव्यांग जनों का कर्ज सरकार को माफ करना चाहिए.
शासकीय पदों पर नियुक्त दिव्यांग अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति पर तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, जिसे कोई भी विभाग पालन नहीं कर रहा है. ऐसे में शासन के निर्धारित मापदंड के अनुसार 3 फीसदी पदों पर 1 नवंबर 2000 से पदोन्नति पदों की गणना ककिया जाए और तत्काल उसे 3 प्रतिशत पदोन्नति प्रदान करें. इसके लिए भी सरकार के द्वारा परिपत्र जारी किया जाना चाहिए.