खूंटी: कहते हैं कि सड़कें गांवों को शहरों से जोड़ती हैं. सड़कें विकास का पैमाना भी होती हैं, लेकिन खूंटी विधानसभा क्षेत्र के सेरेंगडीह से मारंगहादा और मारंगहादा से रोगों गांव को जोड़ने वाली सड़क ऐसी बनाई गई है कि गांव और शहर ठीक से जुड़ नहीं पाए. सड़क को ठेकेदार ने आधे-अधूरे मन से बनाया. कहीं सड़क पक्की है, कहीं कच्ची और बीच में तो सड़क ही नहीं है. ऐसी कच्ची सड़कों के कारण ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होती है.
कब पूरा होगा अधूरा विकास?
खूंटी विधानसभा क्षेत्र में सड़कें तो बनीं, लेकिन गांव को जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई. विभाग की लापरवाही है या ठेकेदारों की, ग्रामीणों को नहीं पता, लेकिन आज भी ग्रामीणों की निगाहें इस उम्मीद पर टिकी हैं कि सड़कें जरूर बनेंगी, लेकिन कब बनेंगी, यह उन्हें नहीं पता.
खूंटी से मारंगहादा तक सड़कें अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई है. सड़क का निर्माण मारंगहादा से रोगों गांव तक किया गया था, लेकिन बीच में दो गांवों के बीच भूमि विवाद के कारण सड़क का निर्माण अधूरा रह गया.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दो गांवों और दो पंचायतों के बीच भूमि विवाद होने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो पाया. जिसके कारण करीब 200 कदम तक सड़क नहीं बन पाई, जबकि मारंगहादा और सेरेंगडीह गांव के बीच करीब चार किमी की दूरी है और सेरेंगडीह के जंगल तक सड़क बनाकर छोड़ दिया गया. यहां निर्माण अधूरा क्यों छोड़ दिया गया, यह कोई नहीं जानता. हालांकि ग्रामीण अभी भी सड़क का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह सड़क बन जाएगी.