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छपरा में डिजिटल अरेस्ट : पुलिस अधिकारी बन 45 लाख की ठगी करने वाले गिरफ्तार - DIGITAL ARREST

छपरा में ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर एक बिजनेसमैन से 45 लाख का चूना लगा दिया. पुलिस ने गाजियाबाद से अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

छपरा में डिजिटल अरेस्ट की जानकारी देते साइबर थाना उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष अमन कुमार
छपरा में डिजिटल अरेस्ट की जानकारी देते साइबर थाना उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष अमन कुमार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 23, 2024, 10:03 PM IST

छपरा: बिहार के छपरा में एक बिजनेसमैन डिजिटल अरेस्ट स्कैमका शिकार हो गये और ठगों ने उन्हें करीब 45 लाख रुपये चूना लगा दिया. ठगों ने क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनकर पहले डराया धमकाया. ठगों ने कहा कि सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उनके झांसा में आने के बाद ठगों ने ऑनलाइन सिगनेचर करवाया और उनसे 45 लाख 86 हजार रुपये की ठग लिए.

छपरा में ठगों ने उड़ाए 45 लाख: पीड़ित विकास कुमार पुत्र सोना लाल प्रसाद ने तीन नंवबर को सारण साइबर थाने में केस दर्ज कराया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन लोगों के पास से जिस बैंक में खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था उसे बैंक खाते का चेक बुक एवं अन्य बैंक खाते का चेक बुक समेत कुल आठ चेक बुक 10 एटीएम कर मोबाइल दो लैपटॉप बरामद किया गया है.

डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)

ऑनलाइन सिग्नेचर कराकर खाते से उड़ाए रुपये:वहीं पीड़ित बिजनसमैन ने शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर इन्वेस्टिगेशन के नाम पर एक वीडियो कॉल आया और कॉलर ने खुद को क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बताया और ठगों एक सुप्रीम कोर्ट का एफिडेविट जैसे आवेदन पर ऑनलाइन सिग्नेचर करवाया. उसके बाद खाते से 45 लाख 86 हजार रुपए की निकासी कर ली गई

"पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट मामले में गाजियाबाद से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आठ चेक बुक, 10 एटीएम, मोबाइल और दो लैपटॉप बरामद किया गया है."- अमन कुमार, साइबर थाना, उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष

गाजियाबाद से दो शातिर गिरफ्तार: पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए तकनीकी अनुसंधान में दो अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. जिनमें विकास शर्मा पुत्र राकेश शर्मा डिफेंस कॉलोनी थाना मुरादनगर जिला गाजियाबाद और सुभाष पाल पिता खुशपाल सिंह थाना मुरादनगर जिला गाजियाबाद है. गिरफ्तार अभियुक्तों से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया.

क्या होता है डिजिट अरेस्ट?:डिजिटल अरेस्ट एक नए तरह का फ्रॉड है. इसमें पीड़ित शख्स से वीडियो कॉल के जरिए कॉन्टैक्ट किया जाता है और उसे धमकाकर या लालच देकर घंटों या फिर कई दिनों तक कैमरे के सामने बैठे रहने को कहा जाता है. कई बार सीधा-साधा व्यक्ति क्रिमिनल की बातों में आ जाता है और डिजिटल अरेस्ट हो जाता है. इस दौरान स्कैमर उस व्यक्ति से कई तरह की पर्सनल जानकारियां हासिल कर लेते हैं और इसके जरिए उनके बैंक अकाउंट में जमा राशि को उड़ा देते हैं.

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