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डिजिटल अरेस्ट डॉक्टर करने वाला था 50 लाख ट्रांसफर, साइबर ठग मांग रहा था ओटीपी, तभी ऐसे पुलिस ने डूबने से बचाई रकम - ANOTHER CYBER FRAUD CASE

बरेली में होटल के कमरे में डॉक्टर को साइबर ठगों ने कर रखा था डिजिटल अरेस्ट, पुलिस ने ठगों के चंगुल से छुड़ाया

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पुलिस ने 50 लाख की ठगी होने से बचाया (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 6:09 PM IST

बरेली: यूपी के बरेली में एक डॉक्टर साइबर ठगों के हत्थे चढ़ गया और घर वालों को बिना बताए पासबुक और बैंक के कागजात लेकर एक होटल के कमरे में जाकर बंद हो गया. फोन नहीं उठाने पर परिजनों ने पुलिस को दी सूचना उसके बाद साइबर ठगी के अंदेशा पर पुलिस ने चलाया ऑपरेशन. समय रहते पुलिस ने सूझबूझ दिखाते हुए डॉक्टर को 50 लाख की ठगी का शिकार बनने से बचा लिया. पुलिस लगातार साइबर ठगों से लोगों को सावधान रहने की अपील कर रही है.

बता दें कि बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के फाइक इन्क्लेव कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर नजबुल हसन के पास एक कॉल आया और उसके बाद घर वालों को बिना बताए ही बैंक पासबुक सहित जरूरी पेपर लेकर घर से चले गए. जब डॉ. नजबुल हसन के घर वालों ने उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो हसन ने किसी का कॉल नहीं उठाया. जिसके बाद अनहोनी की आशंका पर नजबुल के भतीजे ने पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई.

डॉक्टर नजबुल हसन के अचानक से फोन ना उठाने की सूचना मिलने के बाद नगर पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बारादरी थाने की पुलिस को तुरंत एक्शन लेने को कहा. इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर नजबुल हसन के परिवार से संपर्क कर जानकारी हासिल की और उसके बाद जब डॉक्टर के फोन पर कॉल किया तो उन्हें पुलिस का भी फोन कॉल नहीं उठाया. इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर नजबुल हसन के मोबाइल की लोकेशन निकाल कर पीलीभीत बाईपास के एक होटल में पहुंचे. जहां पता चला कि डॉक्टर ने तीन दिन के लिए एक कमरा बुक कर रखा है और होटल के कमरे में रुके हुए साइबर ठगों से वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे.

मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे में रुके डॉक्टर नजबुल हसन से दरवाजा खोलने के लिए कहा लेकिन डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला. काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब होटल के कमरे में मौजूद डॉक्टर नजबुल ने दरवाजा नहीं खोला तब होटल में आग लगने की फर्जी सूचना देकर अलार्म बजाया गया. उसके बाद आग लगने का अलार्म सुनते ही होटल के कमरे में मौजूद डॉक्टर हसन ने दरवाजा खोल दिया.

पुलिस के मुताबिक साइबर ठगों के चुंगल में डिजिटल अरेस्ट किए गए डॉक्टर नजबुल हसन असली पुलिस को भी फर्जी मान रहे थे और कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद मौके पर पहुंचे सिटी एसपी ने नजबुल हसन से बात कर उन्हें समझाया. जिस वक्त डॉक्टर से होटल का कमरा खुलवाया गया था इस दौरान डॉक्टर साइबर ठगों को अपने बैंक खाते की डिटेल बताने के बाद ओटीपी बताने वाला था. लेकिन तब तक पुलिस ने कमरे का दरवाजा खुलवा लिया और 50 लाख की ठगी होने से बचा दिया.

पुलिस की पूछताछ में नजबुल हसन ने बताया कि, उनके पास एक फोन आया जिसमें ये कहा गया कि, उनके आधार कार्ड से हवाला कारोबार में कई राज्यों में बड़ा घोटाला हुआ है और सीबीआई उनकी तलाश में उनके घर के पास घूम रही है. अगर तुम फंसना नहीं चाहते हो तो तत्काल पासबुक का अन्य जरूरी कागजात लेकर किसी को बिना बताए एक होटल में तीन दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ . किसी का फोन मत उठाना. इस तरह से साइबर ठगों ने डॉक्टर नजबुल हसन को एक होटल के कमरे में 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा हुआ था.

नगर पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने बताया कि समय पर सूचना मिलने के बाद तुरंत फोन की लोकेशन से डॉक्टर का पता लगाकर होटल के कमरे में डिजिटल अरेस्ट किए गए डॉक्टर को साइबर ठगों के चुंगल से मुक्त कराया गया और समय रहते 50,00,000 रुपये की ठगी होने से बच गई.

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