धनबादः आज विश्व किडनी डे है. डायलिसिस के जरिए किडनी मरीजों की जिंदगी बचाई जाती हैं. धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH डायलिसिस सेंटर में पिछले दिनों आग लगने के बाद यहां डायलिसिस की व्यवस्था बंद कर दी गई है. दूसरी तरफ सदर अस्पताल में भी डायलिसिस यूनिट पीपीपी मोड पर चल रहा है.
धनबाद के एसएनएमएमसीएच में डायलिसिस के लिए पहुंचने वाले मरीज अब शहर के सदर अस्पताल में पीपी मोड में चल रहे डायलिसिस यूनिट पहुंच रहें है. जिस कारण अतिरिक्त बोझ सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर पर पड़ रहा है. यह डायलिसिस सेंटर डीसीडीसी हेल्थ सर्विसेज कंपनी के द्वारा पीपीपी मोड पर चलाया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ी बात की धनबाद सदर अस्पताल में स्थित इस डायलिसिस सेंटर की साल 2023 के सितंबर महीने में ही करार खत्म हो चुका है. मरीजों की परेशानी को देखते हुए इस डायलिसिस सेंटर को चलाया जा रहा है.
सदर अस्पताल डायलिसिस केंद्र के इंचार्ज मोहम्मद हुसैन ने बताया कि एनएमएमसीएच में आग की घटना के बाद से किडनी के मरीजों की संख्या में यहां इजाफा हुआ है. यहां पर धनबाद के साथ साथ गिरिडीह, जामताड़ा व अन्य जिलों के किडनी के मरीज डायलिसिस के लिए पहुंचते हैं. वैसे सभी डायलिसिस के लिए पहुंचने वाले मरीज अब हमारे डायलिसिस सेंटर में पहुंच रहे हैं. पहले जहां मरीजों की संख्या 17 से 18 थी, अब एसएनएमएमएमसीएच में डायलिसिस यूनिट बंद होने के बाद यहां मरीजों की संख्या बढ़कर 28 से 30 पहुंच गई है. ऐसे में यहां 24 घंटे डायलिसिस सेवा दी जा रही है, लोगों को परेशानी ना हो इसका ख्याल रखा जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डीसीडीसी हेल्थ सर्विसेज के द्वारा इस डायलिसिस यूनिट का यहां संचालन किया जा रहा है. पिछले साल सितंबर महीने में ही कंपनी का सरकार से करार खत्म हो चुका है. फिर से रिन्यूअल कराने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन अब तक रेन्युअल नहीं हो सका है.
वहीं एसएनएमएमसीएच से डायलिसिस के लिए सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का कहना है कि यहां अगर व्यवस्था नहीं रहती तो उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए उन्हें प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता, जहां अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे. लेकिन यहां निशुल्क व्यवस्था के कारण उन्हें काफी सहूलियत मिल रही है और किडनी के मरीजों की जान भी बच रही है. मरीज के परिजनों ने डायलिसिस सेंटर की करार को फिर से रिन्यूवल कर व्यवस्था को सुचारू रखने की अपील सरकार से की है.