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दरगाह वाद प्रकरण: परिवादी को धमकी के बाद सामने आया सनातन धर्म रक्षा संघ, बोले-सौहार्द बिगाड़ने वालों पर हो कार्रवाई

सनातन धर्म रक्षा संघ ने अजमेर दरगाह प्रकरण में परिवादी की रक्षा का आहृवान किया है. उन्होंने प्रशासन को भी आगाह किया है.

Ajmer Dargah Dispute
दरगाह वाद प्रकरण (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 3, 2024, 5:27 PM IST

अजमेर:दरगाह वाद प्रकरण में परिवादी हिन्दू राष्ट्र सेना विष्णु गुप्ता के समर्थन में पहली बार हिंदूवादी संगठन सनातन धर्म रक्षा संघ सामने आई है. सनातन धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने कहा कि कोर्ट में दरगाह वाद प्रकरण का निस्तारण कोर्ट करेगा. लेकिन एक व्यक्ति अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए अजमेर कोर्ट में न्याय मांगने आता है और उस व्यक्ति को धमकियां दी जा रही हैं. उसके खिलाफ अर्नगल बयान दिए जा रहे हैं. कोई भी हिन्दू संगठन उसके साथ खड़ा नहीं है. ऐसे में सनातन धर्म सभा संघ ने परिवादी विष्णु गुप्ता की सुरक्षा के मद्देनजर उसको सहयोग करने का निर्णय लिया है.

सनातन धर्म रक्षा संघ ने विष्णु गुप्ता का किया समर्थन (ETV Bharat Ajmer)

सनातन धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा और पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने बताया कि अजमेर का सौहार्दपूर्ण बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. उसका परिणाम और दुष्परिणाम कुछ भी हो सकता है. उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड और नूपुर शर्मा मामले से भी हमें सबक लेना चाहिए. अजमेर के नागरिक किसी भी कीमत पर अजमेर का सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगड़ता हुआ देखना नहीं चाहते हैं. सरकार और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सनातन धर्म रक्षा संघ की बैठक का आयोजित की गई है ताकि शासन और प्रशासन को आगाह किया जा सके.

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शर्मा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म संप्रदाय से हो, यदि वह अजमेर के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए. प्रश्न यदि मुकदमे का है, तो वह कोर्ट जाने. हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है कि कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जा सकता है और न्यायालय जो भी संवैधानिक प्रक्रिया है वह अपना कार्यवाही करे. अपील और रिवीजन का अधिकार सभी को है. लेकिन न्यायालय और परिवादी को गलत बताया जा रहा है. परिवादी को कन्हैया लाल हत्याकांड जैसी पुनरावृत्ति करने की धमकी दी जा रही है, वह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय शहर के नागरिक है. हम प्रशासन और शासन को स्पष्ट शब्दों में कहना चाहते हैं कि अजमेर का माहौल किसी भी दृष्टि से बिगड़ना नहीं चाहिए. शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखना प्रशासन का काम है. उन्होंने यह भी कहा कि अगले माह उर्स मेला लगने वाला है. कोई भी घटना यदि घटती है तो निश्चित रूप से कोई भी वर्ग बदनाम होगा. घटना को अंजाम देने वाले भी संभवतः उसी वर्ग से हों. इस बात के लिए भी प्रशासन को सतर्क करना चाहते हैं. साथ ही उस असामाजिक तत्व को भी सतर्क कर रहे हैं जो किसी को भी धमकी देकर संविधान और विधि को हाथ में लेता है.

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अपने राजनीति हितों से जुड़े हैं हिंदूवादी संगठन: हिंदवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदूवादी संगठन बीजेपी से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस पदाधिकारी भी परिवादी के साथ नहीं लगे. जबकि अजमेर में आने पर परिवादी से सबसे पहले परिवाद के साथ आरएसएस पदाधिकारी और वकील जे एस राणा से संपर्क किया था. राणा ने पहले वकालतनामा लगाया था और उसके बाद उन्होंने परिवादी का केस लड़ने से मना कर दिया.

इससे परिवादी को सहयोग मिलना बंद हो गया, तब परिवादी ने किसी वकील के माध्यम से मुझसे संपर्क किया था. उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि यह संदेश पूरे विश्व में जाएगा कि अजमेर में कोई भी न्याय मांगने वाले के साथ खड़ा नहीं है. इसलिए हमारा संगठन साथ में आया है और परिवादी को सभी प्रकार की सुरक्षा से संबंधित और वकील से संबंधित जो भी सुविधा बनेगी उसे देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय इस वाद पर क्या निर्णय लेगा यह कोर्ट देखेगा. हम इतना कहना चाहते हैं कि हम सभी वर्गों का सम्मान और आदर करते हैं.

दोनों पक्ष मर्यादा ना तोड़े: सनातन धर्म रक्षा संघ के संयोजक तरुण वर्मा ने बताया कि यह संगठन बुद्धि जीवियों का संगठन है. वर्मा ने कहा कि अजमेर की धरती पृथ्वीराज चौहान की धरती है. 84 कोस पुष्कर तीर्थ में जगत पिता ब्रह्मा का क्षेत्र है. यहां से हमेशा सनातन धर्म के माध्यम से इसने और प्रेम का संदेश गया है. सनातन पद्धतियों की उपासना यहां की गई है. यहां कंठावरण संस्कृत पाठशाला भी रही है जिसमें अध्ययन के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी पढ़ने के लिए विद्यार्थी आया करते थे.

उन्होंने कहा कि परिवादी को जिस तरह से धमकी मिल रही है. अजमेर ने 1992 में अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड भी देखा और देश और दुनिया ने उदयपुर में कन्हैयालाल का बलिदान भी देखा. उसके बावजूद भी अजमेर से प्रेम सौहार्द की बात ही की जाती रही है. लेकिन हर किसी की मर्यादा होती है. दोनों ही पक्षों को अपनी मर्यादाओं का पालन करना चाहिए. वर्मा ने कहा कि सनातन धर्म के संगठनों की बात है तो उन्होंने हमेशा अपनी मर्यादाओं का पालन किया है. लेकिन कोई भी संगठन मर्यादा नहीं छोड़े ऐसा हम आव्हान करते हैं.

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