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धामी कैबिनेट की सरकारी कर्मचारियों को सौगात, ड्राइवरों को भी मिलेगा वर्दी भत्ता, डॉक्टर्स संघ का मांग भी पूरी - UTTARAKHAND CABINET MEETING

सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से ठीक पहले मिलेगा अतिरिक्त प्रमोशन, सहकारिता में महिला आरक्षण के भी बदले नियम

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धामी कैबिनेट ने दी सरकारी कर्मचारियों को सौगात (फोटो क्रेडिट @pushkardhami)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 11, 2024, 4:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. सरकार ने रिटायर होने वाले सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले एक अतिरिक्त प्रमोशन देने का फैसला किया है. उत्तराखंड में तकरीबन 3 लाख कर्मचारी राजकीय सेवाओं में अपनी सेवाएं देते हैं. जिसमें पब्लिक सेक्टर यूनिट और शिक्षण संस्थाओं के अलावा गवर्नमेंट फंडेड ऑर्गेनाइजेशन भी शामिल हैं. अब इन सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से ठीक पहले सरकार द्वारा एक अतिरिक्त प्रमोशन दिया जाएगा. बुधवार को इस संबंध में उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी दे दी है.

वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया अब तक यह देखा जाता था कि जो भी कर्मचारी साल के शुरुआती महीने या फिर 31 दिसंबर तक रिटायर होता था, उसे 31 दिसंबर से लेकर के मार्च महीने तक सेवा न होने की वजह से रिटायरमेंट के समय प्रमोशन के लाभ नहीं मिल पाता था. सरकार ने अब इस व्यावहारिक समस्या को खत्म करते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों को एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि या फिर प्रमोशन का लाभ देने का फैसला किया है. जिससे रिटायरमेंट में वह प्रमोशन का लाभ उक्त कर्मचारी को मिल पाए.

सरकारी ड्राइवरों को 3 हजार वर्दी भत्ता:दिलीप जावलकर ने बताया सचिवालय को छोड़कर अन्य सभी विभागों और सभी शासकीय उपक्रमों में लंबे समय से वाहन चालक संघ की वर्दी भत्ता की मांग कर रहे थे. जिसको सरकार ने सकारात्मकता से लिया है. कैबिनेट में वाहन चालकों के वर्दी भत्ता के लिए ₹3000 प्रति वर्ष की मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा लंबे समय से वर्दी भत्ते को लेकर रिवीजन नहीं हुआ था. जिसके प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है.

धामी कैबिनेट ने दी सरकारी कर्मचारियों को सौगात (ETV BHARAT)

डॉक्टरों संघ की मांग पर मंजूरी:साल 2016 में पे कमिशन लागू होने के दौरान हुई डॉक्टरों की भर्ती के दौरान उत्तराखंड में ज्वाइन करने वाले सभी डॉक्टरों को राज्य सरकार की अनिवार्य सेवाओं की शर्तों के अधीन रखा गया था. अब वह शर्तें पूरी हो चुकी हैं. प्रदेश में मौजूद सभी डॉक्टरों को भी अपने हिसाब से अपनी सेवाओं का चयन करने की मंजूरी दी गई है.

सहकारिता में महिला आरक्षण के बदले नियम: वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया प्रदेश सरकार ने सहकारिता में महिलाओं की सहभागिता को बढ़ाने के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. इस बार सहकारिता में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भूमिका निभाई है. उन्होंने बताया सहकारिता में प्रावधान है कि उस महिला को सदस्यता दी जाएगी जिसकी कुछ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन नियमों के अनुसार होगी. इस बार महिलाएं पहली दफा बड़ी संख्या में सहकारिता में भाग ले रही हैं. इसलिए यदि यह नियम लागू रहता है तो महिलाओं को मतदान का अधिकार सहकारिता में नहीं मिल पाता है. जिससे 33 फीसदी आरक्षण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता. इसके लिए कैबिनेट में सहकारिता में महिलाओं के सदस्यता के लिए रखे गए फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के नियम में इस बार छूट दी गई है.

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