देवघर: जिले के सारवां प्रखंड के जिया खरा पंचायत में जिया माता का मंदिर है जो पिछले कई सालों से बंद है. श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही पूजा कर लौट जाते हैं, क्योंकि मंदिर का गेट बंद रहता है. यह बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन को आते हैं. हालांकि, मंदिर का गेट बंद होने के कारण उन्हें परेशानी जरूर होती है. उनकी मांग है कि मंदिर के गेट खोले जाए. लेकिन एक विवाद के कारण करीब छह सालों से मंदिर के द्वार बंद हैं.
मंदिर को लेकर कई मान्यताएं हैं. यहां पूजा के साथ-साथ हर साल जिया माता के नाम पर भव्य मेला भी लगता है. मकर संक्रांति के समय इस मेले का आयोजन होता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यह मेला करीब 60-70 सालों से लग रहा है. इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है. वहीं इस मंदिर के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि जिया माता मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. मैकफर्सन सेटलमेंट और गेंगर सेटलमेंट के भू-सर्वेक्षण में भी जिया माता मंदिर को दर्शाया गया है. संथाल परगना में इस मंदिर का सैकड़ों साल पुराना इतिहास है. इसके बावजूद आज श्रद्धालुओं को बाहर से ही माता का दर्शन करना पड़ता है.
मंदिर में कार्यरत पुजारी महावीर महतो और झकसू यादव का कहना है कि गांव का दामोदर महतो नामक व्यक्ति मंदिर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है. इसका पूरे गांव के लोग विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर वर्ष 2018 में इस मंदिर को बंद करा दिया था. ग्रामीणों ने मंदिर को सार्वजनिक करने के लिए न्यायालय का सहारा लिया है और फर्जी कागजात बनाने वाले और उसकी मदद करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इसलिए पिछले कई वर्षों से मंदिर पर ताला लगा हुआ है. श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही जिया माता की पूजा करने को मजबूर हैं.
मंदिर में पूजा करने आई श्रद्धालु चंदना झा ने बताया कि मंदिर नहीं खुलने से उन्हें काफी दुख है. क्योंकि परंपराओं के अनुसार जिया माता के शृंगार के बाद ही किसी भी तरह की पूजा या संस्कार का आयोजन किया जाता है. लेकिन मंदिर में ताला बंद रहने के कारण लोग माता रानी का शृंगार नहीं कर पाए हैं. इस बात का उन्हें काफी दुख है. वह अपने परिवार के बच्चों का मुंडन कराने के लिए मंदिर आई थीं, लेकिन मंदिर नहीं खुलने के कारण उन्हें बाहर से ही पूजा कर वापस लौटना पड़ रहा है.
वहीं पूजा करने आईं श्रद्धालु सुधा देवी और वंदना मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग पूजा करने आते हैं, लेकिन आपसी द्वेष और राजनीति के कारण कई जिलों और राज्यों के श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जरूरत है कि जिला प्रशासन इसे गंभीरता से ले और जल्द से जल्द मंदिर का ताला खोले, ताकि सभी श्रद्धालु सही तरीके से पूजा कर सकें.