जयपुर:राजस्थान में डेंगू आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका है. राजस्थान में सर्वाधिक डेंगू का प्रकोप राजधानी जयपुर और उदयपुर जिले में देखने को मिल रहा है, जिसके बाद चिकित्सा विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है. डेंगू से प्रदेश में हालात किस तरह बदल रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक प्रदेश में डेंगू के 10 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि चिकित्सा विभाग के अनुसार डेंगू से प्रदेश में सिर्फ दो मौतें हुई हैं.
राजधानी जयपुर की बात की जाए तो मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों में मौसमी बीमारियों को लेकर डेडीकेटेड ओपीडी शुरू की गई है. एसएमएस अस्पताल में भी मेडिसिन विभाग के निर्देशन में डेडीकेटेट ओपीडी शुरू की गई है.
पढ़ें :Rajasthan: डेंगू जांच में पॉजीटिव आई युवती की अस्पताल में मौत, स्वास्थ्य विभाग बोला 'डेथ ऑडिट' के बाद ही पता चलेगा सही कारण
आंकड़े डराने वाले :आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में डेंगू के 10460 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो...
- डेंगू के प्रदेश में अभी तक 10460 केस दर्ज.
- इनमें सर्वाधिक 1095 मामले उदयपुर से, 1202 मामले जयपुर शहर से, 681 मामले जयपुर ग्रामीण से, 810 मामले बीकानेर से देखने को मिले हैं. जबकि 2 मरीजों की मौत हुई दर्ज.
- 1647 मामले मलेरिया के सामने आ चुके हैं.
- 555 केस चिकनगुनिया के रिपोर्ट हुए है.
सामान्य बुखार में भी डेंगू के लक्षण : सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि डेंगू के अलावा सामान्य बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. खास बात यह है कि सामान्य बुखार के लक्षण भी डेंगू जैसा दिखाई दे रहे हैं और एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू की पुष्टि होती है. ऐसे में सामान्य बुखार से पीड़ित मरीज का भी टेस्ट करना पड़ रहा है.
कैपिलरी लीकेज का खतरा : डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि डेंगू से पॉजिटिव होने के बाद मरीज में कैपिलरी लीकेज का खतरा बढ़ जाता है. कैपिलरी लीकेज में प्लाज्मा छोटी रक्त वाहिकाओं से बाहर निकालने लगता है. इससे हार्ट के आसपास पानी भरने का खतरा हो जाता है. इसके साथ ही फेफड़े और पेट में भी पानी भर सकता है. इसके साथ ही डेंगू के कारण मल्टी ऑर्गन फैलियर के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि जब भी तेज बुखार हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना काफी जरूरी है.
डेंगू के लक्षण और उपचार : चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के बुखार के लक्षण शरीर में लंबे समय तक बने रहते हैं और यदि इस मौसम में कोई व्यक्ति तेज बुखार से पीड़ित है तो उसे तुरंत चिकित्सक के परामर्श की जरूरत है. आमतौर पर डेंगू के लक्षणों की बात करें तो...
- अचानक तेज बुखार
- गंभीर सिरदर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- दस्त होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते दिखना
- हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना)
वहीं सुरक्षा की बात की जाए तो...
- घर में मच्छरदानी का प्रयोग करें
- यदि घर और आस पास पानी इकट्ठा है तो उसे खाली करें
- जब भी घर से बाहर निकलें तो बदन को पूरा ढक कर रखें
- अगर आपको डेंगू के लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें