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जिलों पर सियासत जारी! कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेताओं का हमला, कहा- जनभावनाओं से खेलना बंद करे विपक्ष - BJP LEADERS STATEMENT

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष, शिक्षा मंत्री और विधायक ने बयान जारी करके भजन लाल सरकार का बचाव किया है.

BJP Leaders Statement
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर व पूर्व सांसद सरस्वती (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 6:16 PM IST

जयपुर: पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बने नए नौ जिलों को रद्द करने के भजनलाल सरकार के फैसले के बाद प्रदेश में सियासी बयानबाजी लगातार जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली लगातार भाजपा पर हमलावर हैं. वहीं, अब पलटवार में भाजपा के नेता और मंत्री, विधायक उतर आए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भजन लाल सरकार के काम विपक्ष को नहीं पच रहे, इसलिए कांग्रेस के नेता अनर्गल बयान दे रहे हैं. विपक्ष को जनभावनाओं से खेलना बंद कर देना चाहिए.

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए जनभावनाओं से खेलना बंद करे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार के काम कांग्रेस को पच नहीं पा रहे. उन्होंने कहा कि सरकार के शानदार काम के बाद कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा, इसलिए ये मुद्दा तलाशने में लगे हैं. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने रामलुभाया कमेटी की अभिशंषाओं को दरकिनार करके अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में आनन-फानन में जिस प्रकार 17 जिले बनाए, तीन संभाग बनाए, उसमें ना आवश्यक वित्तीय प्रावधान किया, ना दूरियां देखीं. साथ ही ना ही यह देखा कि मानव संसाधन कहां से आएगा. बस चुनावी वैतरणी पार करने के लिए एक के बाद एक जिलों की घोषणा कर दी. इसके बाद भजनलाल सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति और उप मंत्रिमंडलीय समिति गठित की. इन समितियों की सिफारिश के बाद इन नौ जिलों को निरस्त किया.

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेताओं का हमला. (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: जिले खत्म करने पर रार : जन आंदोलन खड़ा करेगी कांग्रेस, ब्लॉक से संभाग तक बनाएगी संघर्ष समिति

कांग्रेस को नहीं पच रहे विकास कार्य: राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को ये बात अच्छी नहीं लगी कि राजस्थान निर्माण के बाद पहली बार 1,11,000 करोड़ के आधारभूत संरचनाओं से जुड़े हुए कामों की एक साथ स्वीकृति दी गई. उनका शिलान्यास या उद्घाटन हुआ. कांग्रेस इस बात को भी नहीं पचा पा रही कि जिन मुद्दों को लेकर वह लगातार राजनीति करती रही, चाहे ईआरसीपी का हो या यमुना जल का हो, वो मु्द्दे अब जनता के सामने व्यावहारिक तौर पर हल होते नजर आ रहे हैं. अब नौजवान को उसके हक मिल रहे हैं. पहली बार नौजवानों का नौकरियों का कैलेंडर एक साथ जारी किया गया है. लगातार अलग-अलग नीतिगत निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जा रहे हैं. ये सारी बातें कांग्रेस को पच नहीं रही, इसलिए जनता के बीच में जिलों के पुनर्गठन को लेकर बेसिर-पैर की बातें कर रहे हैं, लेकिन जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है.

माल खाने के लिए तड़प रहे डोटासरा: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा उलूल-जुलूल बयान देते रहते हैं. इनकी सरकार में जब जिले बनाने की चर्चा आइ तब तो अपना दिमाग नहीं लगाया, ना किसी एक्सपर्ट से राय ली. केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने एक-एक विधानसभा क्षेत्र का जिला बना दिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्सपर्ट से राय ली. उसके आधार पर नवीन जिलों पर फैसला लिया गया, जो कि पूर्ण रूप से सही है. अब कांग्रेस को लग रहा है कि आगामी 100 साल तक तो शायद कांग्रेस वापस नहीं आ पाएगी और इसलिए जिस प्रकार से मछली को पानी के बाहर निकाल देते है और वो तड़पती रहती है. उसी प्रकार से डोटासरा तड़प रहे हैं. उन्होंने कहा कि डोटासरा तड़प रहे हैं कि कैसे माल खाएं, कैसे भ्रष्टाचार करें, कैसे लूटपाट करें. अब इनसे कुछ हो ही नहीं रहा है इसलिए बालक कि तरह मचल रहे हैं.

यह भी पढ़ें: सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला निरस्त करने पर कांग्रेस का विरोध, 4 जनवरी को सीकर बंद का आह्वान

शेखावाटी के मान-सम्मान की चिंता नहीं: पूर्व लोकसभा सांसद और भाजपा नेता स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने सीकर में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं की ओर से राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नए जिलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया. उस समिति के सुझावों के आधार पर ही राज्य सरकार ने उचित निर्णय लिया है. सुमेधानंद ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा की. उन्होंने इस संदर्भ में रामलुभाया समिति की रिपोर्ट का ठीक प्रकार से अध्ययन तक नहीं किया. पूर्व सांसद ने कहा कि आज शेखावाटी की चिंता करने वाले कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तब कहां गए थे जब यमुना जल बंटवारे का मुद्दा वर्षों से लंबित चल रहा था और यहां की जनता प्यासी मर रही थी. सरस्वती ने कहा कि शेखावाटी के बेटे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी भाजपा के शासन में ही इस उच्च संवैधानिक पद पर पहुंचे, जबकि शेखावाटी की आन-बान-शान की बात करने वाले कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं द्वारा राज्यसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तब कांग्रेसी नेता एवं तीनों सांसद मौन रहे? क्या तब उनको शेखावाटी का अपमान नजर नहीं आया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में देशभर में ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का नेटवर्क बिछने के बाद भी शेखावाटी क्षेत्र इससे वंचित रहा, जबकि भारतीय जनता पार्टी के शासन में ही यह कार्य पूर्ण हुआ. सरस्वती ने कहा कि शेखावाटी के मान-सम्मान के प्रति भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह संवेदनशील है. शेखावाटी और नीमकाथाना क्षेत्र के विकास में कहीं कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी, इसलिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं को जनता को भ्रमित करने और बरगलाने के प्रयास छोड़ देने चाहिए.

जयपुर: पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बने नए नौ जिलों को रद्द करने के भजनलाल सरकार के फैसले के बाद प्रदेश में सियासी बयानबाजी लगातार जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली लगातार भाजपा पर हमलावर हैं. वहीं, अब पलटवार में भाजपा के नेता और मंत्री, विधायक उतर आए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भजन लाल सरकार के काम विपक्ष को नहीं पच रहे, इसलिए कांग्रेस के नेता अनर्गल बयान दे रहे हैं. विपक्ष को जनभावनाओं से खेलना बंद कर देना चाहिए.

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए जनभावनाओं से खेलना बंद करे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार के काम कांग्रेस को पच नहीं पा रहे. उन्होंने कहा कि सरकार के शानदार काम के बाद कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा, इसलिए ये मुद्दा तलाशने में लगे हैं. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने रामलुभाया कमेटी की अभिशंषाओं को दरकिनार करके अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में आनन-फानन में जिस प्रकार 17 जिले बनाए, तीन संभाग बनाए, उसमें ना आवश्यक वित्तीय प्रावधान किया, ना दूरियां देखीं. साथ ही ना ही यह देखा कि मानव संसाधन कहां से आएगा. बस चुनावी वैतरणी पार करने के लिए एक के बाद एक जिलों की घोषणा कर दी. इसके बाद भजनलाल सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति और उप मंत्रिमंडलीय समिति गठित की. इन समितियों की सिफारिश के बाद इन नौ जिलों को निरस्त किया.

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेताओं का हमला. (ETV Bharat Jaipur)

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कांग्रेस को नहीं पच रहे विकास कार्य: राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को ये बात अच्छी नहीं लगी कि राजस्थान निर्माण के बाद पहली बार 1,11,000 करोड़ के आधारभूत संरचनाओं से जुड़े हुए कामों की एक साथ स्वीकृति दी गई. उनका शिलान्यास या उद्घाटन हुआ. कांग्रेस इस बात को भी नहीं पचा पा रही कि जिन मुद्दों को लेकर वह लगातार राजनीति करती रही, चाहे ईआरसीपी का हो या यमुना जल का हो, वो मु्द्दे अब जनता के सामने व्यावहारिक तौर पर हल होते नजर आ रहे हैं. अब नौजवान को उसके हक मिल रहे हैं. पहली बार नौजवानों का नौकरियों का कैलेंडर एक साथ जारी किया गया है. लगातार अलग-अलग नीतिगत निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जा रहे हैं. ये सारी बातें कांग्रेस को पच नहीं रही, इसलिए जनता के बीच में जिलों के पुनर्गठन को लेकर बेसिर-पैर की बातें कर रहे हैं, लेकिन जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है.

माल खाने के लिए तड़प रहे डोटासरा: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा उलूल-जुलूल बयान देते रहते हैं. इनकी सरकार में जब जिले बनाने की चर्चा आइ तब तो अपना दिमाग नहीं लगाया, ना किसी एक्सपर्ट से राय ली. केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने एक-एक विधानसभा क्षेत्र का जिला बना दिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्सपर्ट से राय ली. उसके आधार पर नवीन जिलों पर फैसला लिया गया, जो कि पूर्ण रूप से सही है. अब कांग्रेस को लग रहा है कि आगामी 100 साल तक तो शायद कांग्रेस वापस नहीं आ पाएगी और इसलिए जिस प्रकार से मछली को पानी के बाहर निकाल देते है और वो तड़पती रहती है. उसी प्रकार से डोटासरा तड़प रहे हैं. उन्होंने कहा कि डोटासरा तड़प रहे हैं कि कैसे माल खाएं, कैसे भ्रष्टाचार करें, कैसे लूटपाट करें. अब इनसे कुछ हो ही नहीं रहा है इसलिए बालक कि तरह मचल रहे हैं.

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शेखावाटी के मान-सम्मान की चिंता नहीं: पूर्व लोकसभा सांसद और भाजपा नेता स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने सीकर में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं की ओर से राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नए जिलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया. उस समिति के सुझावों के आधार पर ही राज्य सरकार ने उचित निर्णय लिया है. सुमेधानंद ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा की. उन्होंने इस संदर्भ में रामलुभाया समिति की रिपोर्ट का ठीक प्रकार से अध्ययन तक नहीं किया. पूर्व सांसद ने कहा कि आज शेखावाटी की चिंता करने वाले कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तब कहां गए थे जब यमुना जल बंटवारे का मुद्दा वर्षों से लंबित चल रहा था और यहां की जनता प्यासी मर रही थी. सरस्वती ने कहा कि शेखावाटी के बेटे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी भाजपा के शासन में ही इस उच्च संवैधानिक पद पर पहुंचे, जबकि शेखावाटी की आन-बान-शान की बात करने वाले कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं द्वारा राज्यसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तब कांग्रेसी नेता एवं तीनों सांसद मौन रहे? क्या तब उनको शेखावाटी का अपमान नजर नहीं आया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में देशभर में ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का नेटवर्क बिछने के बाद भी शेखावाटी क्षेत्र इससे वंचित रहा, जबकि भारतीय जनता पार्टी के शासन में ही यह कार्य पूर्ण हुआ. सरस्वती ने कहा कि शेखावाटी के मान-सम्मान के प्रति भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह संवेदनशील है. शेखावाटी और नीमकाथाना क्षेत्र के विकास में कहीं कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी, इसलिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं को जनता को भ्रमित करने और बरगलाने के प्रयास छोड़ देने चाहिए.

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