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सावन में हरी चूड़ियों की बढ़ी डिमांड, चमक उठी कारोबारियों की किस्मत - Demand for green bangles in Delhi - DEMAND FOR GREEN BANGLES IN DELHI

Demand for green bangles in Delhi: दिल्ली के कई चूड़ी व्यापारियों ने बताया कि सावन शुरू होते ही उनके व्यापार की रफ्तार बढ़ गई है. इस समय हरी चूड़ियों की अधिक डिमांड है. इस वजह से व्यापारियों की अच्छी आमदनी भी हो जाती है और चूड़ी का स्टॉक भी अलग-अलग तरह के डिजाइन ज्यादा रखते हैं.

कांच की चूड़ियां
कांच की चूड़ियां (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 5, 2024, 6:26 PM IST

नई दिल्ली:सावन का महीना प्रकृति से जुड़ा होता हैं और हरा प्रकृति का रंग है. साथ ही इस दौरान भारी बारिश की वजह से हर तरफ हरियाली छाई रहती है. वहीं, यह रंग प्रकृति का रंग होने के साथ-साथ सौभाग्य से जुड़ा होता है. सावन के दौरान हरा रंग पहना जाता है. सावन में महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनना पसंद करती है. इस वर्ष 7 अगस्त को तीज का पर्व मनाया जायेगा. इसे लेकर बाजार में हरी चूड़ियों की डिमांड खूब बढ़ गई है.

सावन में हरी चूड़ियों की बढ़ी डिमांड, (ETV Bharat)

हर धर्म की महिला पहनती है हरी चूड़ी:राजधानी के ऐतिहासिक सदर बाजार स्थित डिप्टीगंज में चूड़ियों का सबसे बड़ा थोक बाजार हैं. यहां से देश के अलावा विदेशों में चूड़ियां निर्यात की जाती हैं. दुकानदार नवाबुद्दीन ने बताया कि सावन में हरी चूड़ियों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. पहले केवल हिंदू धर्म की महिलाएं ही सावन में हरी चूड़ियां पहनती थी, लेकिन अब यह फैशन हो गया है, अब मुस्लिम महिलाएं भी सावन में हरी चूड़ियां पहनना पसंद करती हैं. वर्तमान में यह स्थिति है कि केवल भारत ही नहीं बल्कि कनाडा, दुबई, अमरीका, लंदन आदि देशों में भी हरी चूड़ी की डिमांड बढ़ गई हैं.

मांग बढ़ी लेकिन कीमत स्थिर है :नवाब ने बताया कि जैसे-जैसे मांग बढ़ी है. बाजार में हरी चूड़ियों की डिजाइन भी बढ़ गए हैं, लेकिन चूड़ियों की कीमत में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. सदर में सादी हरी चूड़ी की कीमत 25 रुपए दर्जन है. वहीं, फैंसी चूड़ियों की कीमत 30 रुपए दर्जन के हिसाब से मिलती है. वहीं, हरे रंग के 4 कड़ों की कीमत 25 रुपए है. इन्हीं चूड़ियों को कंगनों का सेट बना कर रिटेल में सेल किया जाता है.

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हरी चूड़ियां खरीदने आई महिला ने कहा कि हमारे यहां पूर्वजों से सावन में सजना और सवरने की परंपरा रही है. खासकर सावन के महीने में हरे रंग के साड़ी और हरे रंग के चूड़ी और मेहंदी के साथ सोलह श्रृंगार की अनूठी परंपरा को हम सभी महिलाएं निभाते रहे हैं. हालांकि, हरी चूड़ियां सुहागन के सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है.

यहां है चूड़ियों की फैक्टरी:राजधानी में बिकने वाली ज्यादातर चूड़ियां उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बनती हैं. इसके अलावा जयपुर में भी चूड़ियों की कई फैक्ट्रियां हैं. वहीं चूड़ियों में सजावट के काम को दिल्ली के कई कारीगर करते हैं.

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