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नोएडा में छठ घाट पर त्रिवेणी संगम का जल डालकर लोगों ने किया पवित्र स्नान - HOLY BATH IN NOIDA

नोएडा के सेक्टर 122 के निवासियों ने अपने इलाके में बने छठ घाट पर त्रिवेणी संगम का गंगा जल डालकर पवित्र स्नान किया.

महिलाओं ने गंगा जल डालकर पवित्र स्नान किया
महिलाओं ने गंगा जल डालकर पवित्र स्नान किया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 3, 2025, 12:36 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर-122 के निवासियों ने अपने इलाके में बने छठ घाट पर त्रिवेणी संगम का गंगा जल डालकर एक कृत्रिम घाट तैयार कर पवित्र स्नान का आयोजन किया गया है. इस कृत्रिम घाट में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे है. लेकिन कुछ लोगों का तर्क है कि श्रद्धालु वही करेंगे जिससे उन्हें 'सर्वाधिक पुण्य' मिलेगा. वरना, गंगा तो हमारी कठौती में ही है. पाप-पुण्य ज़्यादा समझ में आएगा तो लोग इसी भावना के साथ घरों में ही रोज महाकुंभ का स्नान करने लगेंगे और फिर इन तीर्थस्थलों के प्रचार-प्रसार का महत्व क्या रह जाएगा?

कृत्रिम घाट तैयार किया गया: नोएडा में बने छठ घाट पर त्रिवेणी संगम का गंगा जल डालकर एक कृत्रिम घाट तैयार किया गया. इसके बाद लोग बसंत पंचमी पर स्नान कर रहे हैं. कृत्रिम घाट पर महाकुंभ स्नान की शुरुआत गंगा आरती, पूजा, भव्य दीपों, मंत्रों और संगीत के साथ हुई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि सबसे पहले महिलाओं ने आरती समाप्त होते ही कुंड में डुबकी लगाना शुरू किया. लोगों का मानना है कि जब हमारे दिल में आस्था है और इस आस्था को पूरा करना है, तो जरूरी नहीं कि प्रयागराज ही जायें. हम अपने आसपास ही गंगा स्नान भी कर सकते है.

यहां लोगों को आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में नई ऊर्जा भरने का अवसर मिला (ETV Bharat)

सेक्टर के लोगों का क्या कहना है: वहीं, सेक्टर 122 के निवासियों का कहना है कि शंकराचार्य के अनुसार, अमृत जल-शाही स्नान के समय त्रिवेणी का जल डालकर स्नान करने का उतना ही फल है, जितना प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करने का है. इसलिए, जो लोग प्रयागराज नहीं जा सके, उनके लिए यह कृत्रिम घाट आस्था का केंद्र बन गया है. यह एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में नई ऊर्जा भरने का अवसर भी है.

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कृत्रिम घाट तैयार किया गया: नोएडा में बने छठ घाट पर त्रिवेणी संगम का गंगा जल डालकर एक कृत्रिम घाट तैयार किया गया. इसके बाद लोग बसंत पंचमी पर स्नान कर रहे हैं. कृत्रिम घाट पर महाकुंभ स्नान की शुरुआत गंगा आरती, पूजा, भव्य दीपों, मंत्रों और संगीत के साथ हुई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि सबसे पहले महिलाओं ने आरती समाप्त होते ही कुंड में डुबकी लगाना शुरू किया. लोगों का मानना है कि जब हमारे दिल में आस्था है और इस आस्था को पूरा करना है, तो जरूरी नहीं कि प्रयागराज ही जायें. हम अपने आसपास ही गंगा स्नान भी कर सकते है.

यहां लोगों को आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में नई ऊर्जा भरने का अवसर मिला (ETV Bharat)

सेक्टर के लोगों का क्या कहना है: वहीं, सेक्टर 122 के निवासियों का कहना है कि शंकराचार्य के अनुसार, अमृत जल-शाही स्नान के समय त्रिवेणी का जल डालकर स्नान करने का उतना ही फल है, जितना प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करने का है. इसलिए, जो लोग प्रयागराज नहीं जा सके, उनके लिए यह कृत्रिम घाट आस्था का केंद्र बन गया है. यह एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में नई ऊर्जा भरने का अवसर भी है.

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