नई दिल्ली:दिल्ली वक्फ बोर्ड ने केंद्रीय सूचना आयोग की फटकार के बाद एक आरटीआई के जवाब में द्वारा सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी है. वक्फ बोर्ड ने अपने अंतर्गत आने वाली संपत्तियों की अबकी बार पते और अन्य विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध कराई. आयोग ने वक्फ बोर्ड को 31 मई तक इस आरटीआई का जवाब उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया था.
बोर्ड द्वारा दी गई सूची में बताया गया कि उसके पास 1964 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर मस्जिदें शामिल हैं. इसमें कई मस्जिदें ऐसी हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं. बोर्ड ने सूची में मस्जिदों के पूरे पते के साथ ही यह भी जानकारी दी है कि वह कितनी पुरानी है. वहीं कुछ मस्जिदों के बारे में वक्फ बोर्ड को भी जानकारी नहीं है कि वह कितनी पुरानी है उनके बारे में सूची में समय अवधि नहीं दी है.
306 पेज की सूची में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद और मदरसों के कर्ता-धर्ता कौन हैं, इसकी भी जानकारी दी है. इनमें से कई संपत्तियों की देख रेख और मैनेजमेंट वक्फ बोर्ड के हाथ में है, तो कहीं अलग से मुतवल्ली ही इनका पूरा कामकाज संभाल रहे हैं. साथ ही कई जगह मेनेजमेंट कमेटी भी बनी हुई है. सूची में वक्फ बोर्ड ने यह भी जानकारी दी है कि कौन सी संपत्ति कब से बोर्ड के पास रजिस्टर्ड हुई है. साथ ही उसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी सूची में दिया गया है.
बता दें कि सुभाष चंद्र अग्रवाल ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से नौ फरवरी, 2024 को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 9 बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थीं, जिनमें से छह बिंदुओं पर वक्फ बोर्ड द्वारा सूचनाएं दी गईं थी. वहीं बाकी के तीन बिंदुओं पर अधूरी और गलत सूचनाएं दी गईं. इन तीन बिंदुओं में से पहले बिंदु में वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियां की उनके पते सहित जानकारी, उनसे वक्फ बोर्ड को मासिक या वार्षिक तौर पर कितना किराया मिल रहा है. साथ ही कितनी संपत्तियां ऐसी हैं जो खाली हैं और उनसे वक्फ बोर्ड को किराया नहीं मिल रहा है, आदि जानकारियां मांगी गई थी.