नई दिल्ली :दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. एसोसिएशन ने नाराजगी जताते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है. जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से हमारी कुछ मांगें हैं, जिन्हें दस साल से नजरअंदाज किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यूनियन के सदस्यों ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पैनिक बटन, स्पीड गवर्नर और टोल टैक्स फीस को समाप्त करने की मांग को पिछले दस सालों से उठा रही है, लेकिन अब तक इस मुद्दे पर न तो केंद्र सरकार और न ही दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने कभी बातचीत की. एसोसिएशन में 1000 ड्राइवरों सहित कुल 1500 सदस्यों ने इस बार के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.
सरकार ने हमारी मांगें नहीं सुन रही, हम उन्हें वोट नहीं देंगे
यूनियन के सदस्यों का कहना है कि हमारे ज्यादातर मुद्दे दिल्ली सरकार और उनके परिवहन विभाग से हैं. वहीं, कुछ मुद्दे केंद्र सरकार और कुछ अन्य राज्यों के भी हैं. इन सभी सरकारों के कारण टैक्सी मालिकों, बस मालिकों और ड्राइवरों को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. विदेशी महिला पर्यटकों की सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. जब सरकार हमारी मांगें नहीं सुन रही है तो हम भी उन्हें वोट नहीं देंगे.
दिल्ली की कर्मसियल टूरिस्ट टैक्सी बसों में पेनिक बटन (वहीक्ल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस ) बहुत सालों से लगाया जा रहा है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग द्वारा प्राइवेट डीलर का पेनल बनाया हुआ है, जो इस पेनिक बटन लगाने के लिए 15,000 रुपये लेते हैं. सरकार द्वारा सूचीबद्ध प्राइवेट प्लेयर्स और DIMMTS जो की दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करता हैं, वो इस काम के लिए सिम कार्ड के लिए 2850 रुपये लेते हैं, लेकिन ये पेनिक बटन भी काम नहीं करते हैं और इसे हर 2 साल बाद चार्ज करता है.