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ट्रैफिक पुलिस बनकर क्रेन से उठाते थे लग्ज़री गाड़ियां, पार्ट्स बेचकर कमाते थे लाखों, चोर समेत दो स्क्रैफ डीलर गिरफ्तार - Fake Traffic Police Arrest - FAKE TRAFFIC POLICE ARREST

Fake Traffic Police Arrest: वसंत कुंज पुलिस ने एक ऐसा चोर गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो ट्रैफिक पुलिस बनकर महंगी गाड़ियां उठा ले जाते थे उसके बाद स्क्रैप डीलर इन गाड़ियों के पार्ट्स को अलग अलग जगह बेच दिया करते थे. तीन आरोपी भी गिरफ्तार हुए हैं.

नकली ट्रैफिक पुलिस बनकर चुराते थे गाड़ियां
नकली ट्रैफिक पुलिस बनकर चुराते थे गाड़ियां (Source: ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 22, 2024, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: अक्सर चोर चोरियां करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते हैं और चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी एक ऐसा ही अजब गजब चोरी का मामला सामने आया है. जहां ट्रैफिक पुलिस बनकर चोर अक्सर महंगी कार को गलत पार्किग या किसी अन्य कानून का हवाला देकर क्रेन से उठाकर ले जाते थे. दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस ने चोरों के शातिर गैंग का भंडाफोड़ किया है जिसमें वसंत कुंज उत्तर थाने की पुलिस टीम ने एक चोर सहित दो स्क्रैप डीलरों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विकास पुत्र आजाद सिंह, निवासी कुसुमपुर पहाड़ी वसंत विहार नई दिल्ली के रूप में हुई है. आरोपी विकास इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड है. दूसरे आरोपी की पहचान महेंद्र सिंह पुत्र रिचपाल सिंह निवासी पीतमपुर के रूप में हुई है, आरोपी महेंद्र स्क्रैप डीलर है. तीसरे आरोपी की पहचान रोशन पुत्र हरि अहिरवार निवासी मायापुरी के रूप में हुई है. आरोपी रोशन मायापुरी में काम करता है और वह स्क्रैप डीलर है.

दक्षिण पश्चिम जिले के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि वसंत कुंज बी ब्लॉक के रहने वाले एक शख्स ने थाने में शिकायत दी, कि 15 मई 2024 को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में आया एक व्यक्ति उनकी गाड़ी को क्रेन से उठाकर ले गया. इसके बाद उन्होंने थाने जाकर पता किया तो थाने में गाड़ी नहीं मिली. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू की और आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई.

डीसीपी ने बताया कि जिस जगह से गाड़ी चोरी की गई थी वहां से उस क्रेन के रूट को लगातार स्कैन किया गया. सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज की मदद से पता चला कि चोरी की कार को कंझावला के स्क्रैप डीलर के पास छोड़ दिया गया है. पुलिस ने पहचान करने के बाद जब क्रेन के ड्राइवर को पकड़ा तो पता चला कि एक युवक ने खुद को ट्रैफिक पुलिस बता कर क्रेन बुक की थी. इसके बाद पुलिस टीम ने कंझावला इलाके में छापा मारा और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. महेंद्र स्क्रैप डीलर है, महेंद्र के गोदाम से दिल्ली पुलिस को सिर्फ कार की बॉडी मिली क्योंकि उसने इसके पार्ट्स को अलग-अलग करके बेच दिया था. टीम ने महेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि ये गाड़ी उसके पास चोरी करके कुसुमपुर पहाड़ी के रहने वाले विकास ने बेची थी. इसके बाद पुलिस टीम ने कुसुमपुर पहाड़ी पर छापा मारा और 29 साल के विकास को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस टीम को विकास के पास से ट्रैफिक पुलिस की वर्दी भी बरामद हुई जिससे वह सरेआम लोगों की गाड़ी उठा लिया करता था.

इस पूरे मामले में 29 साल का विकास गोरखधंधे का मास्टरमाइंड था. पुलिस ने बताया कि विकास ने COVID शुरू होने से पहले ही अपने दोस्तों से कर्ज लेकर एक जिम खोला था, लेकिन तभी लॉकडाउन लग गया जिसके बाद उसे भारी नुकसान हुआ दोस्त फिर विकास पर पैसे वापस करने का दबाव बनाने लगे जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रख चोरी करना शुरू कर दिया पुलिस टीम ने तीनों आरोपियों के कब्जे से चोरी की गई टोयोटा कार का एक इंजन,टोयोटा कार की एक बॉडी,बीएमडब्ल्यू कार की एक बॉडी अपराध करने में इस्तेमाल की गई एक मोटरसाइकिल एक ट्रैफिक पुलिस की वर्दी भी बरामद की है.

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