नई दिल्लीः दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अस्तित्व में आए 30 साल हो गए. डीएमआरसी ने दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में 393 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क डेवलप किया. वर्तमान में दिल्ली मेट्रो एनसीआर की लाइफ लाइन बन चुकी है. नियमित 62 से 65 लाख लोग मेट्रो में सफर करते हैं. इससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होता है. मेट्रो के चलने से प्रतिवर्ष 6.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है.
3 मई 1995 को डीएमआरसी अपने अस्तित्व में आया. इसके बाद मेट्रो के संचालन के लिए काम शुरू हुआ. 25 दिसंबर 2002 को शाहदरा से तीस हजारी तक कॉरिडोर के बीच मेट्रो सेवा शुरू हुई. डीएमआरसी ने अपने नेटवर्क के विस्तार पर तेजी से काम किया. निर्धारित समय से पहले वर्ष 2005 में मेट्रो का नेटवर्क 65 किलोमीटर तक पहुंचाया. दूसरे चरण में डीएमआरसी ने 125 किलोमीटर के मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य साढ़े चार साल में पूरा किया.
288 मेट्रो स्टेशन से 65 लाख यात्री करते हैं सफरःवर्तमान में दिल्ली मेट्रो परिचालन नेटवर्क 393 किलोमीटर का है. दिल्ली मेट्रो के रूट पर कुल 288 मेट्रो स्टेशन बने हैं. जहां से 62 से 65 लाख यात्री नियमित सफर करते हैं. मेट्रो का नेटवर्क दिल्ली के साथ राजधानी की सीमा से सेट गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ व बल्लभगढ़ तक पहुंच चुका है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नई दिल्ली के बीच एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिंक के साथ दिल्ली विश्व के उन देशों में शामिल हो गई है, जहां पर शहर और एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी है.
4140 फेरे लगा रही मेट्रोःडीएमआरसी अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीएमआरसी के पास 4, 6 और 8 कोच की 300 से ज्यादा ट्रेनें हैं. दिल्ली मेट्रो रोजाना 4140 फेरे लगती है. दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन लोगों को समय पर गंतव्य पर पहुंचती है. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलती है.