हैदराबाद: हैदराबाद में बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज रैकेट के खुलासे ने संबंधित अधिकारियों को भी चौंका दिया है. खबर के मुताबिक, साल 2018 से, लगभग 1250 लोगों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके पासपोर्ट प्राप्त किए हैं. उनमें से कम से कम 20 लोग ऐसे हैं जिसने फर्जी दस्तावेज की सहायता से पहले ही विदेश यात्रा कर चुके हैं. इतना ही नहीं एक व्यक्ति ने कथित तौर पर एक महिला के तौर पर पासपोर्ट प्राप्त किया.
सिकंदराबाद के पटनी सेंटर में आरएस ऑनलाइन सेवा केंद्र से संचालित फर्जी दस्तावेज रैकेट का पर्दाफाश नॉर्थ जोन टास्क फोर्स और महाकाली पुलिस ने किया. पुलिस ने इस दौरान मुख्य आरोपी राजकुमार सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया. जांच से पता चलता है कि इस गिरोह ने 50 हजार से अधिक लोगों के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाए, जिनमें से 20 हजार विदेशी नागरिक थे.
पुलिस का मानना है कि, फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले कुछ लोग दुबई, सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में जाकर बस गए हैं. अधिकारियों ने विभिन्न सरकारी विभागों को पत्र लिखकर उन अधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी है, जो इन फर्जी दस्तावेजों को जारी करने में शामिल हो सकते हैं.
इस रैकेट पर कार्रवाई
अधिकारियों को इस ऑपरेशन में 20 और लोगों के शामिल होने का संदेह है. पुलिस सबूत जुटाकर ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने के प्रयास कर रही है. जांच में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि, संबंधित विभागों से जवाब मिलने के बाद जिम्मेदार लोगों और फर्जी रैकेट में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस घोटाले का दायरा बहुत बड़ा है और इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने की संभावना है, जो दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया की कमज़ोरियों को उजागर करता है. इस तरह की धोखाधड़ी वाली गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त जांच की तत्काल आवश्यकता है.
ये भी पढ़ें: पुलिस ने 6 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया, फर्जी दस्तावेज बरामद