नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद अब तमाम प्रत्याशी 4 जून को आने वाले चुनाव नतीजे पर टकटकी लगाए हुए हैं. कुछ प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में चुनाव परिणाम दिखाने के लिए व्यापक इंतजाम करने के आदेश दिए हैं. अलग-अलग जगह पर एलईडी स्क्रीन व लोगों की सुविधा के लिए टेंट कुर्सी आदि के भी आदेश दिए हैं.
दिल्ली के सियासी गलियारे में इस लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले बीजेपी और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों में से कई ऐसे हैं जिनके सामने जीत को बरकरार रखने की चुनौती है. दरअसल, 25 मई को छठे चरण के तहत हुए मतदान में दिल्ली की सातों सीट पर चुनाव लड़ने वाले चार उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी अभी तक चुनावी मैदान में हार नहीं हुई है. वहीं, पांच उम्मीदवार अपने पिछले एक से लेकर तीन चुनाव हार चुके हैं. दो ऐसे प्रत्याशी भी मैदान में है जिन्हें अभी तक जीत नहीं मिली है. लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा कर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था.
दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कुल 14 प्रत्याशियों में से 6 को ही लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव है. इनमें चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश अग्रवाल, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज, उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी और पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महाबल मिश्रा है जो लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
जबकि दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी, उत्तर पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार इस मामले में सफल साबित नहीं हुए हैं. पार्टी की तरफ से इन्हें मौका तो मिला मगर यह चुनाव हार चुके हैं. कन्हैया कुमार ने अभी तक एक ही चुनाव लड़ा है और वह हार गए थे. इसी तरह चांदनी चौक क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी प्रवीण खंडेलवाल को भी एक बार बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. लेकिन वह हार गए थे. पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप कुमार, नई दिल्ली क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस के उदित राज अभी तक चुनाव में हारे नहीं हैं.